WHO की रिपोर्ट में भारत की सराहना: पारंपरिक चिकित्सा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सफल एकीकरण

WHO की रिपोर्ट में भारत की सराहना: पारंपरिक चिकित्सा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सफल एकीकरण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने “Mapping the Application of Artificial Intelligence in Traditional Medicine” नामक तकनीकी रिपोर्ट जारी कर भारत की उन अग्रणी पहलों की सराहना की है, जिनके माध्यम से आयुष प्रणालियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का समावेश किया जा रहा है। यह रिपोर्ट पारंपरिक चिकित्सा में AI के उपयोग को लेकर WHO का पहला रोडमैप है और इसका आधार भारत के ही प्रस्ताव पर रखा गया है।

भारत की भूमिका और वैश्विक मान्यता

WHO की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सowa-रिग्पा और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को AI तकनीकों से जोड़ने में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “AI for all” की नीति के अंतर्गत भारत डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अग्रसर है।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि यह रिपोर्ट भारतीय वैज्ञानिकों की कटिबद्धता और तकनीकी दक्षता का प्रमाण है, जो पारंपरिक चिकित्सा को नवीनतम तकनीकों के साथ जोड़ने में लगे हैं।

रिपोर्ट की प्रमुख झलकियाँ

  • AI आधारित निदान प्रणाली: रिपोर्ट में उल्लेख है कि भारत ने नाड़ी परीक्षा, जिह्वा परीक्षण और प्रकृति विश्लेषण जैसे आयुर्वेदिक निदान पद्धतियों को मशीन लर्निंग और डीप न्यूरल नेटवर्क्स से जोड़ा है।
  • आयुर्जेनोमिक्स: यह अवधारणा आयुर्वेद के सिद्धांतों को जीनोमिक्स से जोड़कर रोग पूर्वानुमान और वैयक्तिक स्वास्थ्य सिफारिशों के लिए AI आधारित विश्लेषण का उपयोग करती है।
  • हर्बल फॉर्मूलों की पुनः व्याख्या: वैज्ञानिक प्रयासों द्वारा जड़ी-बूटियों की आणविक संरचना और कार्य प्रणाली को समझा जा रहा है ताकि उन्हें आधुनिक रोगों के लिए प्रभावी बनाया जा सके।
  • TKDL और डिजिटल संरक्षण: पारंपरिक ज्ञान डिजिटल पुस्तकालय (TKDL) को स्थानीय चिकित्सा धरोहर के वैश्विक संरक्षण का आदर्श मॉडल बताया गया है।
  • AI आधारित ग्रंथों की व्याख्या: प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों का वर्गीकरण, अर्थ विश्लेषण और उपयोग में आसानी के लिए AI टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है।
  • Rasa, Guna, Virya का मूल्यांकन: AI आधारित कैमिकल सेंसर्स के जरिए पारंपरिक गुणों को आधुनिक वैज्ञानिक विधियों से मापा जा रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • WHO ने पहली बार पारंपरिक चिकित्सा में AI के उपयोग को लेकर तकनीकी मार्गदर्शिका प्रकाशित की है।
  • भारत की आयुष प्रणालियाँ: आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सowa-रिग्पा, होम्योपैथी।
  • आयुर्जेनोमिक्स: जीनोमिक्स और आयुर्वेद का संगम।
  • TKDL: पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान का डिजिटल पुस्तकालय।

भारत की यह उपलब्धि न केवल उसकी वैज्ञानिक क्षमता का परिचायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे परंपरा और प्रौद्योगिकी मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य को एक नई दिशा दे सकते हैं। यह वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार की दिशा में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को सशक्त बनाता है।

Originally written on July 14, 2025 and last modified on July 14, 2025.

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