‘S-स्टार्ट’ चाल: नवजात पीले एनाकोंडा की नई खोज से साँपों की गति और रोबोटिक्स में क्रांति की संभावना

‘S-स्टार्ट’ चाल: नवजात पीले एनाकोंडा की नई खोज से साँपों की गति और रोबोटिक्स में क्रांति की संभावना

साँपों की गति और व्यवहार के अध्ययन में हाल ही में एक महत्वपूर्ण खोज हुई है। नवजात पीले एनाकोंडा (Yellow Anaconda) द्वारा प्रयुक्त एक नई प्रकार की पलायन चाल — ‘S-start’ — को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने पहली बार दर्ज किया है। यह खोज न केवल साँपों के विकास को समझने में नई दिशा देती है, बल्कि बिना पैरों वाले रोबोटों के निर्माण के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन सकती है।

पारंपरिक साँप चाल और ‘S-start’ की भिन्नता

अब तक साँपों की गति को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था: सीधी लाइन में चलना (rectilinear), लहरदार गति (undulatory), और रेगिस्तानी साँपों में देखी जाने वाली sidewinding गति। लेकिन ‘S-start’ इनसे बिल्कुल अलग है — यह एक क्षणिक (transient), त्रि-आयामी और ऊर्जा-गहन गति है।
इस चाल में साँप अपना सिर थोड़ा ऊपर उठाकर ‘S’ के आकार में शरीर को मोड़ता है। यह S-आकार शरीर में नीचे की ओर यात्रा करता है और साँप को तेजी से आगे की ओर धकेलता है। प्रत्येक प्रयास के बाद साँप को फिर से S-आकार में वापस लौटना पड़ता है, जिससे यह चाल निरंतर नहीं की जा सकती।

इस खोज के वैज्ञानिक और तकनीकी पहलू

IIT बॉम्बे के प्रोफेसर रघुनाथ चेलक्कोट सहित अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस गति का गहन विश्लेषण किया। उन्होंने साँप के शरीर को एक लचीली, सक्रिय फिलामेंट के रूप में मॉडल किया और गणनात्मक तकनीकों से गति का पुनर्निर्माण किया। उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि केवल तीन स्थानीय टॉर्क पल्स (बल घूर्णी झटके) ही इस जटिल चाल को उत्पन्न करने में सक्षम हैं।
यह मॉडल दर्शाता है कि यह चाल केवल हल्के और अधिक मांसलता वाले नवजात एनाकोंडा में ही संभव है, क्योंकि इसमें शरीर को उठाना और मोड़ना आवश्यक होता है। वयस्क एनाकोंडा का शरीर भारी होता है, जिससे यह चाल उनके लिए ऊर्जा की दृष्टि से अव्यवहारिक बन जाती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • पारंपरिक साँप चालें तीन प्रकार की होती हैं: रेक्टिलीनियर (सीधी), अंडुलेटरी (लहरदार), और साइडवाइंडिंग।
  • ‘S-start’ चाल एक अस्थायी (transient) गति है, जो केवल पलायन के समय उपयोग की जाती है।
  • टीम ने सांप की गति को त्रि-आयामी लोचदार फिलामेंट मॉडल के माध्यम से पुनः निर्मित किया।
  • यह खोज Harvard, IIT Bombay, University of Illinois और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा की गई।

जैविक विकास और रोबोटिक्स में संभावनाएं

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जब S-start गति को लगातार दोहराया गया, तो वह sidewinding चाल में परिवर्तित हो गई। इससे संकेत मिलता है कि दोनों चालों के बीच एक संभावित जैविक विकासात्मक संबंध हो सकता है। इसी तरह, पेड़ों पर चढ़ने वाले साँपों की “लासो गति” भी S-start से मिलती-जुलती प्रतीत होती है।
इस खोज से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग वैज्ञानिक अगली पीढ़ी के रोबोट्स बनाने में कर सकते हैं — खासकर ऐसे रोबोट्स जो संकरी जगहों में काम करने या त्रि-आयामी सतहों पर चलने में सक्षम हों।
‘S-start’ चाल की यह खोज इस बात का प्रमाण है कि प्रकृति में अनेक अबूझे व्यवहार अभी भी छिपे हुए हैं। यह न केवल साँपों के व्यवहार और जैविक विकास को समझने का नया रास्ता खोलती है, बल्कि जीव-विज्ञान और इंजीनियरिंग के संगम से बनी रोबोटिक तकनीकों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

Originally written on July 21, 2025 and last modified on July 21, 2025.

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