हीनयान सम्प्रदाय साहित्य बौद्ध धर्म से सम्बंधित ग्रन्थ व पुस्तकें प्राचीन काल से लिखी जानी प्रारम्भ हुई थी। छठवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म के उदय के पश्चात् ही...
जैन साहित्य अत्यंत विशाल है, यह अधिकतर अपभ्रंश, प्राकृत और संस्कृत भाषा में लिखा गया है। महावीर स्वामी की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र मगध रहा, इसलिए उन्होंने उपदेश...
भारत में वर्ण व्यवस्था के अंतर्गत समाज को चार भागों में बाँटा गया है- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। प्रारम्भ में वर्ण व्यवस्था कर्म-आधारित थी जो उत्तर वैदिक...
उत्तर वैदिक काल में अंतिम तीन वेद यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद की रचना की गयी। इसके अलावा उपनिषद, पुराण, अन्य ब्राह्मण ग्रंथ, आरण्यक, वेदांग की भी रचना की गयी।...