मौर्यकाल में समाज व्यवसाय के आधार पर 7 श्रेणियों में बंटा हुआ था, यह साथ श्रेणियां दार्शनिक, किसान, शिकारी एवं पशुपालक, शिल्पी एवं कारीगर, योद्धा, निरीक्षक एवं गुप्तचर...
मौर्यकाल की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन और इससे सम्बंधित गतिविधियों पर आधारित थी। इस दौरान व्यापार भी किया जाता था। भूमि पर राजा का अधिकार होता था, इस प्रकार...
बिन्दुसार चन्द्रगुप्त मौर्य का पुत्र था। बिन्दुसार की जीवनी के सन्दर्भ में जैन व बौद्ध ग्रंथों में अधिक वर्णन नहीं किया गया है। जैन ग्रंथों में चन्द्रगुप्त मौर्य...
भारत में लोक रंगमंच की समृद्ध विरासत है। प्राचीन वैदिक संस्कृति में और यहां तक कि बौद्ध साहित्य में भी लोक रंगमंच ने जीवन की अनगढ़ वास्तविकताओं को...
उत्तराखंड के त्योहार बहुत रंगीन और विशिष्ट हैं और विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कारकों का मिश्रण हैं। उत्तराखंड के लोगों के रंग और खुशी के उत्सव के लिए...
तमिलनाडु राज्य को त्योहारों का देश माना जाता है। तमिलनाडु के त्यौहार इसलिए समृद्ध तमिल संस्कृति और जातीयता का प्रतिबिंब हैं। तमिलनाडु के मेले और त्यौहार बहुत ही...
पश्चिम बंगाल के त्योहारों में इस पूर्वी भारतीय राज्य में प्रचलित विविध संस्कृतियां और परंपराएं शामिल हैं। विभिन्न क्षेत्रीय समुदायों में अपनी संस्कृति और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग...
बाड़मेर को “राजस्थानी संस्कृति का बरोठा” कहा जाता है। बाड़मेर एक छोटा राजस्थान है, जिसका रंग, गर्मजोशी और परंपरा है। यह जगह अपने जटिल कढ़ाई के काम के...