IndiGo की फ्लाइट में जबरदस्त एयर टर्बुलेंस क्यों हुआ?

हाल ही में दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट में भीषण टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा, जिसने 227 यात्रियों को डर और घबराहट में डाल दिया। उड़ान के दौरान विमान एक अचानक विकसित हुए तूफानी मौसम में फंस गया, जिससे उसे बहुत तेज़ झटके लगे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा गया कि यात्री सीटों को कसकर पकड़े हुए थे और कुछ लोग प्रार्थना कर रहे थे। यह दृश्य भयावह था।
विमान को हुआ नुकसान: नाक के हिस्से में दरार
टर्बुलेंस के कारण विमान के नाक वाले हिस्से को नुकसान पहुंचा, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गईं। हालांकि विमान सुरक्षित रूप से श्रीनगर में उतर गया, लेकिन इस घटना ने यह दर्शाया कि मौसम की चरम स्थितियाँ वायुयान यात्रा को कितना खतरनाक बना सकती हैं।
यह घटना इतनी गंभीर क्यों थी?
टर्बुलेंस वायु यात्रा का आम हिस्सा है, लेकिन इस घटना की तीव्रता असामान्य थी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह टर्बुलेंस एक तीव्र और तेजी से विकसित हुए तूफानी सिस्टम के कारण हुई, जिसमें ज़ोरदार ऊपर और नीचे की ओर बहने वाली हवाएं शामिल थीं।
ऊँचाई में अचानक वृद्धि और गिरावट क्यों हुई?
विमान एक सक्रिय थंडरस्टॉर्म सिस्टम से गुजरा, जिसमें उपर की ओर उठती गर्म हवाओं (अपड्राफ्ट) और नीचे गिरती ठंडी हवाओं (डाउनड्राफ्ट) का चक्र था। ये हवाएं बहुत तेज़ गति से चलती हैं और विमान की स्थिरता को प्रभावित करती हैं। पहले विमान को एक तेज़ अपड्राफ्ट ने ऊपर उठाया और फिर डाउनड्राफ्ट ने उसे अचानक नीचे धकेल दिया।
अपड्राफ्ट और डाउनड्राफ्ट क्या होते हैं?
अपड्राफ्ट वह स्थिति होती है जिसमें गर्म और हल्की हवा ऊपर की ओर उठती है, खासकर दिन में ज़मीन के गर्म होने के कारण। वहीं, डाउनड्राफ्ट तब होता है जब ठंडी और भारी हवा तेजी से नीचे गिरती है, जो बादलों के ठंडा होने या बर्फ/ओले के कारण होता है।
विमान के साथ वास्तव में क्या हुआ?
इंडिगो फ्लाइट एक तीव्र अपड्राफ्ट-डाउनड्राफ्ट चक्र में फंस गई थी, जिससे विमान की ऊँचाई 2,000 से 6,000 फीट तक बदल सकती थी। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि विमान को एक माइक्रोबर्स्ट का सामना करना पड़ा—जो एक शक्तिशाली डाउनड्राफ्ट होता है, जिससे बहुत तेज़ वायुगति और ऊँचाई में गिरावट होती है।
ओलों ने बढ़ाई मुश्किलें
विमान एक ओलावृष्टि वाले क्षेत्र से भी गुज़रा। जैसे-जैसे विमान ऊँचाई पर गया, नमी संघनित होकर तेजी से बर्फ में बदल गई और बड़े ओले बन गए, जिससे विमान की नाक को नुकसान हुआ।
क्या इस स्थिति से बचा जा सकता था?
उस दिन उत्तर भारत के कई हिस्सों—पंजाब से उत्तर प्रदेश तक—में विशाल तूफानी सिस्टम सक्रिय था। आमतौर पर पायलट ऐसे तूफानों से बचने के लिए वैकल्पिक मार्ग चुनते हैं। इंडिगो पायलट ने पाकिस्तानी एयरस्पेस में प्रवेश की अनुमति मांगी थी ताकि तूफान से बचा जा सके, लेकिन यह अनुमति नहीं मिली। मजबूरन विमान को उसी क्षेत्र से गुजरना पड़ा। फिर भी, पायलट की तत्परता और कुशलता से विमान सुरक्षित लैंड कर गया।