HKU5-CoV-2: क्या एक और कोरोनावायरस महामारी की कगार पर है दुनिया?

हाल ही में सामने आई एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, चमगादड़ों में पाए जाने वाले HKU5 नामक कोरोनावायरस का एक समूह मानवीय आबादी में फैलने के बेहद करीब है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह वायरस मात्र एक छोटा उत्परिवर्तन (mutation) दूर है, जिससे यह इंसानों को संक्रमित करने में सक्षम हो सकता है—और इससे भविष्य में एक नई वैश्विक महामारी की संभावना बन सकती है।
HKU5 वायरस: क्या है इसका स्रोत और खतरा?
HKU5 वायरस, Merbecovirus समूह का हिस्सा है—जिसमें घातक मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) भी शामिल है, जिसकी मृत्यु दर लगभग 34% है। HKU5 को पहली बार एशिया, यूरोप, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट के विभिन्न चमगादड़ों में पाया गया।
हालांकि MERS के विपरीत HKU5 अभी तक इंसानों में संक्रमण नहीं फैला पाया है, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि यह वायरस ACE2 रिसेप्टर को पहचानता है—जो वही रिसेप्टर है जिसका उपयोग COVID-19 फैलाने वाला SARS-CoV-2 करता है। अभी तक यह वायरस केवल चमगादड़ों के ACE2 रिसेप्टर से जुड़ता है, लेकिन एक मामूली बदलाव इसे मानव ACE2 से जोड़ने में सक्षम बना सकता है।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
- Washington State University, Caltech और North Carolina University के शोधकर्ताओं ने HKU5 वायरस के स्पाइक प्रोटीन को अध्ययन में केंद्रित किया।
- “प्सूडो-वायरस” बनाकर परीक्षण किया गया कि ये वायरस किन कोशिकाओं को संक्रमित कर सकते हैं।
- अभी तक यह वायरस मानव कोशिकाओं को पूर्ण रूप से संक्रमित नहीं करता, लेकिन कुछ म्यूटेशन के साथ ACE2 से जुड़ने की संभावना पाई गई।
- HKU5 वायरस पहले ही मिंक (एक प्रकार का स्तनपायी जानवर) में संक्रमित पाया गया है, जो कि मानव संपर्क में आने वाला प्रजाति है—यह एक संभावित इंटरमीडिएट होस्ट हो सकता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- MERS-CoV पहली बार 2012 में पाया गया था और यह ऊँटों से इंसानों में फैला था।
- HKU5 वायरस और MERS-CoV दोनों Merbecovirus उपश्रेणी के हैं।
- ACE2 रिसेप्टर मानव शरीर की नाक, मुँह और गले की कोशिकाओं में पाया जाता है, जिसे कई कोरोनावायरस लक्षित करते हैं।
- COVID-19 महामारी भी चमगादड़ों से संभावित स्पिलओवर के कारण शुरू हुई थी, जिसकी पुष्टि शुरुआती अध्ययन में हुई थी।
- भारत में वर्तमान में 4800 से अधिक सक्रिय COVID-19 मामले हैं, हालांकि रिकवरी दर उच्च है।
वैज्ञानिकों की चेतावनी
शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि अभी तक कोई सबूत नहीं है कि HKU5 वायरस इंसानों में फैल चुका है, लेकिन इसकी संभावना और आनुवंशिक संरचना अत्यंत चिंताजनक है। यदि यह वायरस म्यूटेट होकर मानव ACE2 से जुड़ने में सक्षम हो जाता है, तो यह एक नई महामारी को जन्म दे सकता है।
इस अध्ययन से यह सीख मिलती है कि जंगलों और वन्यजीवों के संपर्क में आने वाले वायरस मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र को पहले से सचेत और तैयार रहना होगा ताकि भविष्य की किसी भी महामारी से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।