Aspirational DMF Programme’: खनन क्षेत्रों के समग्र विकास की नई दिशा

भारत सरकार द्वारा खनिज समृद्ध जिलों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्रीय कोयला और खनिज मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने ‘Aspirational DMF Programme’ के संचालन दिशानिर्देश जारी किए, जिससे DMF (District Mineral Foundation) योजनाओं को Aspirational District Programme (ADP) और Aspirational Block Programme (ABP) से जोड़ा जा सके।

क्या है Aspirational DMF Programme?

यह कार्यक्रम DMF योजनाओं को देश के पिछड़े और खनन प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे आकांक्षात्मक जिला एवं ब्लॉक कार्यक्रमों से जोड़ने की रणनीति है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, बुनियादी ढांचे और आजीविका के अवसरों को बेहतर बनाना है।
नई दिल्ली में आयोजित ‘राष्ट्रीय DMF कार्यशाला’ में 152 जिलों के प्रतिनिधि, 62 जिलाधीश, राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन हुआ, जिसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।

DMF: सहकारी संघवाद का प्रतीक

केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले एक दशक में DMF ने खनन प्रभावित क्षेत्रों में जीवन को परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इसे “Whole of Government Approach” और सहकारी संघवाद का सच्चा उदाहरण बताया।
उन्होंने जिलाधीशों और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि DMF को एक मिशन के रूप में अपनाएं और 100% निधि उपयोग का लक्ष्य सुनिश्चित करें।

DMF के माध्यम से हो रहा समावेशी विकास

राज्यमंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि DMF केवल एक कोष नहीं बल्कि अंतिम छोर तक खनिज संपदा के लाभ पहुंचाने का एक शक्तिशाली माध्यम है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास और आजीविका के क्षेत्र में DMF द्वारा किया गया कार्य ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में सहायक है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • DMF (जिला खनिज फाउंडेशन) की स्थापना 2015 में खनन क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास हेतु की गई थी।
  • PMKKKY (प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना) DMF निधि के प्रभावी उपयोग के लिए बनाई गई रूपरेखा है।
  • Aspirational Districts Programme की शुरुआत 2018 में हुई थी, जो भारत के 112 सबसे पिछड़े जिलों के तेज विकास पर केंद्रित है।
  • Comptroller and Auditor General (CAG) द्वारा DMF परियोजनाओं का ऑडिट किया जाता है जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्यों का सम्मान

इस कार्यशाला में झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और गोवा को संशोधित PMKKKY 2024 को लागू करने हेतु सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तराखंड, गुजरात और छत्तीसगढ़ को वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट समय पर बंद करने हेतु सराहना मिली।
एक और महत्वपूर्ण पहल ‘कॉफी टेबल बुक 2.0’ का विमोचन था, जिसमें देशभर के DMF परियोजनाओं की सफल कहानियाँ और उनके सामाजिक प्रभाव दर्शाए गए।
DMF को विकास की मुख्यधारा में लाकर केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि अब खनन प्रभावित क्षेत्रों को भी समान अवसर और संसाधनों के साथ समावेशी और सतत विकास का भागीदार बनाया जाएगा। यह पहल ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को और सशक्त बनाएगी।

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