AMOC का पतन: जलवायु परिवर्तन के बीच यूरोप में आ सकती है हिमयुग जैसी सर्दी

हाल ही में प्रकाशित एक प्रमुख जलवायु मॉडलिंग अध्ययन ने चेतावनी दी है कि यदि अटलांटिक महासागर की एक महत्वपूर्ण धारा प्रणाली — Atlantic Meridional Overturning Circulation (AMOC) — ढह जाती है, तो यह उत्तरी यूरोप को भयंकर ठंड की चपेट में ला सकती है, भले ही बाकी दुनिया में तापमान बढ़ रहा हो। यह शोध उट्रेक्ट विश्वविद्यालय के डॉ. रेने वान वेस्टेन के नेतृत्व में किया गया और Geophysical Research Letters में 11 जून 2025 को प्रकाशित हुआ।
क्या है AMOC और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
AMOC समुद्र की एक ऐसी प्रणाली है जो गर्म सतही जल को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से उत्तर की ओर ले जाती है और ठंडा, सघन जल महासागर की गहराई में दक्षिण की ओर लौटाती है। यह यूरोप सहित कई क्षेत्रों के तापमान को संतुलित रखने में सहायक होती है।
हालाँकि, मानवजनित जलवायु परिवर्तन — विशेष रूप से ग्रीनलैंड की बर्फ का तेजी से पिघलना — इस प्रणाली को अस्थिर बना रहा है। अत्यधिक मीठे पानी के प्रवाह से समुद्री जल की लवणता और घनत्व घट रहा है, जिससे यह प्रवाह प्रणाली कमजोर हो रही है।
यदि AMOC बंद हो जाए तो क्या होगा?
शोधकर्ताओं ने अपने मॉडल में अत्यधिक मीठे पानी को उत्तर अटलांटिक में डालकर AMOC को कृत्रिम रूप से बंद किया और देखा कि दीर्घकालिक रूप से पृथ्वी की जलवायु कैसी हो सकती है।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:
- लंदन में सर्दियों का औसत तापमान 1.9°C, और हर दस साल में एक बार तापमान -19.3°C तक गिर सकता है।
- एडिनबर्ग में चरम ठंड -29.7°C, और ओस्लो में औसत सर्दी -16.5°C तथा अत्यधिक ठंड -48°C तक।
- समुद्री बर्फ ग्रेट ब्रिटेन और स्कैंडिनेविया के तटों तक पहुँच सकती है।
गर्मियों में तापमान अपेक्षाकृत कम प्रभावी होगा, लेकिन फिर भी प्री-इंडस्ट्रियल युग की तुलना में अधिक रहेगा — जिससे ऋतुओं में अत्यधिक असंतुलन उत्पन्न होगा।
वैश्विक प्रभाव और मानसून पर खतरा
AMOC का पतन केवल यूरोप तक सीमित नहीं रहेगा:
- भारत, पश्चिम अफ्रीका और अमेज़न में मानसून प्रणाली कमजोर पड़ सकती है।
- Intertropical Convergence Zone (ITCZ) दक्षिण की ओर खिसक सकती है, जिससे वर्षा के पैटर्न में व्यापक बदलाव हो सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह परिदृश्य ऐसा होगा जैसे “फ्रिज़र से निकल कर तंदूर में जाना”, जिसमें सर्दियाँ बर्फीली और गर्मियाँ अत्यधिक तप्त हो सकती हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- AMOC समुद्री जल की एक वैश्विक परिसंचरण प्रणाली है जो ऊष्मा के संतुलन में मदद करती है।
- ग्रीनलैंड की बर्फ के पिघलने से उत्तरी अटलांटिक में मीठे पानी की आपूर्ति बढ़ रही है, जिससे AMOC अस्थिर हो रहा है।
- AMOC के पतन से यूरोप में ठंडी सर्दियाँ और मानसूनी क्षेत्र जैसे भारत में वर्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है।
- Community Earth System Model (CESM) के माध्यम से अध्ययन किया गया जो जलवायु परिवर्तनों की भविष्यवाणी करने में उपयोगी है।
निष्कर्ष
इस अध्ययन से स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव केवल तापमान वृद्धि तक सीमित नहीं हैं। एक गर्म होती दुनिया में भी कुछ क्षेत्र, विशेषकर यूरोप, ठंडी आपदा का सामना कर सकते हैं। साथ ही, मानसून क्षेत्रों में कृषि, जल प्रबंधन और जनजीवन पर इसका गहरा असर पड़ सकता है। यह एक चेतावनी है कि यदि अभी निर्णायक कदम नहीं उठाए गए, तो जलवायु प्रणाली में अपरिवर्तनीय बदलाव संभावित हैं, जिनका प्रभाव वैश्विक होगा।