57 वर्षों बाद अर्जेंटीना में भारतीय प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा: संबंधों का नया अध्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जुलाई 2025 को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचकर इतिहास रच दिया। यह यात्रा न केवल उनके पांच देशों के “ग्लोबल साउथ” दौरे का तीसरा पड़ाव है, बल्कि 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय अर्जेंटीना यात्रा भी है। इस ऐतिहासिक अवसर ने भारत और अर्जेंटीना के बीच बहुआयामी संबंधों को नई ऊर्जा दी है।
द्विपक्षीय सहयोग के नए आयाम
प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माईली के साथ आत्मीयता से मुलाकात की और जनरल जोस डे सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें अर्जेंटीना, पेरू और चिली को स्पेनिश उपनिवेश से स्वतंत्र कराने का श्रेय जाता है। यह यात्रा भारत-अर्जेंटीना संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के एक वर्ष बाद हो रही है।
दोनों देशों के बीच रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा हुई। विशेष रूप से अर्जेंटीना के लिथियम भंडार भारत के हरित ऊर्जा संक्रमण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। वर्ष 2024 में भारत अर्जेंटीना का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।
भारत-अर्जेंटीना संबंधों से जुड़े रोचक तथ्य
- 1968 में इंदिरा गांधी की ऐतिहासिक यात्रा: इससे पहले किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा 1968 में इंदिरा गांधी ने की थी। उन्होंने ब्यूनस आयर्स में प्रसिद्ध लेखिका विक्टोरिया ओकैम्पो से मुलाकात की थी और उन्हें विश्व भारती विश्वविद्यालय की मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी प्रदान की थी।
- अर्जेंटीना से भारत की पहली यात्रा 1848 में: अर्जेंटीना के 17 वर्षीय युवक लुसियो वी. मांसिला ने 1848 में भारत की यात्रा की थी। उनकी यात्रा-वृत्तांत “Diario de viaje a Oriente” में भारत की सामाजिक छवियों का वर्णन मिलता है, जो उस समय की औपनिवेशिक सोच को भी दर्शाता है।
- रवींद्रनाथ टैगोर का अर्जेंटीना प्रवास (1924): गुरुदेव टैगोर नवंबर 1924 में अर्जेंटीना पहुंचे थे। वहां वह बीमार पड़ गए और विक्टोरिया ओकैम्पो के आमंत्रण पर उनके घर ठहरे। इस प्रवास के दौरान उन्होंने “पूरबी” काव्य संग्रह की रचना की और उसे ‘बिजया’ (ओकैम्पो) को समर्पित किया। इस यात्रा ने अर्जेंटीना में भारतीय दर्शन, संस्कृति, नृत्य और योग के प्रति गहरी रुचि उत्पन्न की।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वर्ष 2024 में भारत और अर्जेंटीना ने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे किए।
- प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा 1968 के बाद पहली द्विपक्षीय प्रधानमंत्री यात्रा है।
- अर्जेंटीना के पास विश्व के प्रमुख लिथियम भंडार हैं, जो भारत की ऊर्जा नीति के लिए अत्यंत अहम हैं।
- रवींद्रनाथ टैगोर के प्रवास से अर्जेंटीना में भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव पड़ा, विक्टोरिया ओकैम्पो ने उनकी कृतियों का अनुवाद और प्रचार किया।
सांस्कृतिक सेतु और भविष्य की साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा न केवल राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने का अवसर है, बल्कि यह दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक संवाद को भी प्रगाढ़ बनाने की दिशा में एक कदम है। रवींद्रनाथ टैगोर और विक्टोरिया ओकैम्पो जैसी ऐतिहासिक मित्रता आज भी दोनों देशों के संबंधों की नींव मानी जाती है।
यह यात्रा दर्शाती है कि भारत और अर्जेंटीना न केवल आर्थिक और रणनीतिक साझेदार हैं, बल्कि सांस्कृतिक आत्मीयता और ऐतिहासिक गहराई के साथ जुड़े हुए हैं। इस नई पहल के साथ दोनों देश भविष्य में मिलकर वैश्विक दक्षिण की आवाज को और मजबूती से उठा सकते हैं।