हिमाचल में लैंटाना कैमारा की बढ़ती चुनौती: 3.25 लाख हेक्टेयर जंगलों पर संकट

हिमाचल में लैंटाना कैमारा की बढ़ती चुनौती: 3.25 लाख हेक्टेयर जंगलों पर संकट

हिमाचल प्रदेश में जैव विविधता को एक नई और गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दशकों पहले सजावटी पौधे के रूप में लाए गए विदेशी आक्रामक पौधे लैंटाना कैमारा ने अब राज्य के लगभग 3,25,282 हेक्टेयर जंगलों को अपने कब्जे में ले लिया है। यह तेजी से फैलता झाड़ीदार पौधा न केवल मूल वनस्पतियों को विस्थापित कर रहा है, बल्कि राज्य की पारिस्थितिक प्रणाली पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है।

विदेशी पौधे की खतरनाक बढ़त

लैंटाना कैमारा मूलतः मध्य और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का पौधा है। भारत में इसे 18वीं सदी के प्रारंभ में लाया गया था, लेकिन समय के साथ यह लगभग पूरे देश में, विशेषकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, आक्रामक रूप से फैल गया। हिमाचल प्रदेश के सात वन मंडलों — धर्मशाला, नाहन, हमीरपुर, चंबा, बिलासपुर, मंडी और शिमला — में इसकी गहन उपस्थिति दर्ज की गई है।

अब तक की गई कार्रवाई और आगे की आवश्यकता

राज्य वन विभाग द्वारा 2009-10 से अब तक 51,114.35 हेक्टेयर भूमि से लैंटाना को हटाया जा चुका है। ‘कट रूट स्टॉक’ पद्धति से हटाए गए इन पौधों के स्थान पर देशज प्रजातियों को लगाया जा रहा है। विभाग का लक्ष्य हर वर्ष औसतन 1,000 हेक्टेयर क्षेत्र से लैंटाना हटाना है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रक्रिया को और तेज करने की आवश्यकता है।

सामाजिक भागीदारी और आजीविका के अवसर

वनस्पति वैज्ञानिक कुलदीप डोगरा के अनुसार, लैंटाना को नियंत्रित करने के लिए एक समन्वित और समयबद्ध रणनीति आवश्यक है, जिसमें स्थानीय समुदाय, औद्योगिक घराने और नागरिक समाज संगठनों की भागीदारी हो। लैंटाना की लकड़ी को फर्नीचर, ईंधन और जैविक खाद के लिए उपयोग में लाया जा सकता है, जिससे इसे हटाने की प्रक्रिया में आजीविका के अवसर भी सृजित हो सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • लैंटाना कैमारा एक एलिलोपैथिक पौधा है, जो अन्य पौधों की वृद्धि को रोकने वाले रसायन छोड़ता है।
  • यह पौधा अधिकतर वन किनारों पर, जहां छाया कम होती है, तेजी से फैलता है।
  • भारत में यह पौधा राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के किनारे भी फैल रहा है, जिससे इसकी पहुंच और भी विस्तृत हो रही है।
  • ‘इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2023’ के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 3,25,282 हेक्टेयर वन क्षेत्र लैंटाना से प्रभावित है।

लैंटाना कैमारा की रोकथाम में सबसे बड़ा पहलू समय की पाबंदी और सामाजिक सहयोग है। जब तक इसे नियंत्रित नहीं किया जाता, यह प्रदेश की जैव विविधता को एकरूपता में बदलता रहेगा। इसके विरुद्ध चल रहे अभियान में गति और रणनीतिक एकता लाने की आवश्यकता है, ताकि हिमाचल के हरे-भरे जंगल अपनी प्राकृतिक विविधता को बनाए रख सकें।

Originally written on July 24, 2025 and last modified on July 24, 2025.

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