हिमाचल में ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ का शुभारंभ: हरित धरोहर के संरक्षण की ओर बड़ा कदम

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर से ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ का औपचारिक शुभारंभ किया। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि इसमें महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी सुनिश्चित कर रोजगार सृजन और सामुदायिक विकास को भी लक्ष्य बनाया गया है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- बंजर और क्षतिग्रस्त वन भूमि पर फलदार पौधों का रोपण
- स्थानीय महिला मंडलों को पांच वर्षों तक वृक्षारोपण व रख-रखाव की जिम्मेदारी
- प्रारंभ में अमलेहड़ और भावदान महिला मंडल को दो हेक्टेयर भूमि पर कार्य हेतु प्रमाणपत्र प्रदान
‘ग्रीन अडॉप्शन योजना’ की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने ग्रीन अडॉप्शन स्कीम भी शुरू की, जिसके तहत निजी कंपनियां अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी के तहत बंजर वन भूमि को अपनाकर वृक्षारोपण करेंगी:
- अंबुजा कंपनी: 25 हेक्टेयर
- अडानी फाउंडेशन और अल्ट्राटेक: 10-10 हेक्टेयर
- इन संस्थाओं को प्रमाणपत्र देकर योजना की औपचारिक मान्यता दी गई
‘वन मित्र योजना’ के साथ नवाचार
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त ‘वन मित्रों’ की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया और बातचीत करते हुए उन्हें जंगलों की रक्षा से आगे बढ़कर ग्रामीण समुदायों में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।
- वन मित्रों में बड़ी संख्या में युवाओं और महिलाओं को स्थान
- 30% आरक्षण महिलाओं के लिए पुलिस भर्ती में पहले ही घोषित
- वन मित्रों के लिए मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च, जिससे उपस्थिति ट्रैकिंग में सहूलियत होगी
वन मित्रों से अपेक्षाएँ
मुख्यमंत्री ने कहा: “वन मित्र केवल जंगलों की रक्षा तक सीमित न रहें, बल्कि अवैध कटान रोकने, वनाग्नि के प्रति सतर्क रहने और आम जनता को वन संरक्षण के प्रति प्रेरित करने में अग्रणी बनें।”
अन्य घोषणाएँ
- हमीरपुर नगर निगम के तहत तीन नए वेलनेस सेंटरों की घोषणा
- ‘संवाद’ नामक स्मारिका और ‘The Mountainous Wilderness of Spiti’ नामक पुस्तक का विमोचन
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- राजीव गांधी वन संवर्धन योजना: सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की पहल
- ग्रीन अडॉप्शन योजना: CSR के तहत कंपनियों द्वारा वृक्षारोपण और हरित कवर में योगदान
- वन मित्र योजना: युवाओं को वन सुरक्षा और संरक्षण कार्यों में सम्मिलित कर रोजगार व जागरूकता सृजन
- बंजर वन भूमि: वह भूमि जो अब जैविक दृष्टि से निष्क्रिय है, परंतु उपयुक्त प्रयासों से हरित क्षेत्र में बदली जा सकती है
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश हरित राज्य बनने की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रहा है। यह योजनाएँ प्रदेश के पर्यावरणीय संतुलन के साथ-साथ स्थानीय रोजगार, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक सहभागिता को एक नई दिशा देंगी।