हिमाचल प्रदेश में ‘My Deed’ योजना की शुरुआत: अब भूमि पंजीकरण होगा सरल, डिजिटल और पारदर्शी

हिमाचल प्रदेश में ‘My Deed’ योजना की शुरुआत: अब भूमि पंजीकरण होगा सरल, डिजिटल और पारदर्शी

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को ‘My Deed’ नामक NGDRS (नेशनल जनरिक डाक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। यह पहल राज्य में भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को आधुनिक, पारदर्शी और नागरिकों के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब नागरिकों को रजिस्ट्री के लिए तहसील कार्यालय में केवल एक बार जाना होगा, बाकी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

दस तहसीलों में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

प्रारंभिक रूप से यह योजना निम्नलिखित दस तहसीलों में लागू की गई है:

  • बिलासपुर सदर (बिलासपुर)
  • डलहौज़ी (चंबा)
  • गलोड़ (हमीरपुर)
  • जयसिंहपुर (कांगड़ा)
  • भुंतर (कुल्लू)
  • पधर (मंडी)
  • कुमारसैन (शिमला)
  • राजगढ़ (सिरमौर)
  • कंडाघाट (सोलन)
  • बंगाणा (ऊना)

ऑनलाइन आवेदन प्रणाली के तहत, लोग कभी भी और कहीं से भी भूमि पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

अन्य डिजिटल पहलें

मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के कामकाज में सुधार लाने के लिए कई अन्य डिजिटल पहलों की भी शुरुआत की:

  • नई जमाबंदी प्रारूप: अब आसान हिंदी में, उर्दू, अरबी और फ़ारसी जैसी पुरानी भाषाओं को हटाकर।
  • ई-रोजनामचा व्यक्ती: पटवारियों के लिए दैनिक गतिविधियों की डिजिटल एंट्री।
  • कारगुजारी प्रणाली: कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्य रिपोर्टिंग अब ऑनलाइन।
  • ऑनलाइन म्युटेशन रजिस्टर: जल्द ही जमाबंदी से जोड़ा जाएगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘My Deed’ NGDRS योजना जुलाई 2025 में शुरू की गई।
  • अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए केवल एक बार तहसील जाना होगा।
  • नई जमाबंदी अब आसान हिंदी में होगी, पुरानी भाषाएं हटाई गईं।
  • ई-रोजनामचा और कारगुजारी जैसे सिस्टम से कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

मुख्यमंत्री के निर्देश और लक्ष्य

मुख्यमंत्री सुक्खू ने NIC और डिजिटल टेक्नोलॉजी विभाग को निर्देश दिया कि:

  • 10 दिनों में डिजिटली साइन की गई जमाबंदी प्रणाली विकसित की जाए।
  • 15 दिनों में ऑनलाइन रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम बनाया जाए।
  • म्युटेशन प्रणाली को जमाबंदी से जोड़ते हुए जल्द लागू किया जाए।
  • ‘खांगी तकसीम’ को मिशन मोड में अपनाया जाए, जिससे ‘सिंगल खाता-सिंगल ओनर’ की अवधारणा साकार हो।

इन पहलों से न केवल सरकारी प्रक्रियाएं तेज़ होंगी, बल्कि नागरिकों को अनावश्यक चक्कर लगाने से राहत मिलेगी। यह हिमाचल प्रदेश को पेपरलेस, प्रेजेंसलेस और कैशलैस प्रणाली की दिशा में अग्रसर करने वाला ऐतिहासिक प्रयास है।

Originally written on July 17, 2025 and last modified on July 17, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *