स्वदेशी मिसाइल ‘अस्त्र’ और मोबाइल गन सिस्टम की सफलता: आत्मनिर्भर भारत की रक्षा शक्ति में बड़ा कदम

भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और अहम उपलब्धि दर्ज की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायुसेना (IAF) ने स्वदेशी ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो कि 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। इसके साथ ही DRDO ने स्वदेश निर्मित 155mm/52 कैलिबर माउंटेड गन सिस्टम (MGS) का भी प्रदर्शन किया है, जो मात्र दो मिनट में तैनात और पुनः स्थिति बदल सकता है।

‘अस्त्र’ मिसाइल: हवा में दुश्मन को मात देने वाली शक्ति

‘अस्त्र’ एक बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है, जिसे Su-30 MKI लड़ाकू विमान से लॉन्च किया गया। यह मिसाइल पहली बार स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर के साथ परीक्षण में शामिल की गई, जिसने उच्च गति वाले मानव रहित लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट किया। इस तकनीक के सफल परीक्षण ने भारत को रक्षा तकनीक के उस स्तर पर ला खड़ा किया है जहाँ वह विदेशों पर निर्भर नहीं रहना चाहता।
परीक्षण के दौरान दोनों मिसाइलों ने अलग-अलग स्थितियों में लक्ष्य को नष्ट किया और चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज द्वारा सभी उड़ान आंकड़ों की पुष्टि की गई। इस परियोजना में 50 से अधिक सार्वजनिक और निजी कंपनियों ने योगदान दिया है, जिनमें हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड भी शामिल है।

भारतीय सेना के लिए MGS: त्वरित और मोबाइल तोपखाना

अस्त्र के समानांतर, DRDO की व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (VRDE) ने एक नया 155mm/52 कैलिबर माउंटेड गन सिस्टम विकसित किया है। यह पारंपरिक तोपों की तुलना में अधिक तेजी से तैनात किया जा सकता है — सिर्फ 80 सेकंड में। साथ ही, यह 85 सेकंड में पुनः स्थिति बदलने में सक्षम है, जिससे दुश्मन को इसका निशाना बनाना मुश्किल होता है।
इस प्रणाली का विकास अत्याधुनिक टोअड आर्टिलरी गन सिस्टम पर आधारित तकनीकी प्रदर्शन परियोजना के तहत किया गया है। इसका उद्देश्य मोबाइल, तेज और आत्मनिर्भर तोप प्रणाली विकसित करना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • अस्त्र मिसाइल: स्वदेशी बीवीआर एएएम (Beyond Visual Range Air-to-Air Missile) है, जिसकी मारक दूरी 100+ किमी है।
  • RF सीकर: यह रेडियो तरंगों के माध्यम से लक्ष्य को ट्रैक करता है; अब स्वदेशी रूप से विकसित।
  • Su-30 MKI: भारतीय वायुसेना का बहु-भूमिका लड़ाकू विमान, जिससे अस्त्र का परीक्षण हुआ।
  • MGS (Mounted Gun System): 155mm/52 कैलिबर मोबाइल आर्टिलरी गन, जो कम समय में फायर कर स्थान बदल सकती है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा संदेश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण को “महत्वपूर्ण मील का पत्थर” बताया और DRDO, वायुसेना तथा सभी सहभागी उद्योगों को बधाई दी। DRDO प्रमुख समीर वी. कामत ने भी सभी टीमों को उनके योगदान के लिए सराहा।
भारत का यह संदेश स्पष्ट है: “बनाओ यहीं, भरोसा रखो यहीं, और उपयोग करो यहीं।” ‘अस्त्र’ और MGS जैसे परियोजनाएं यह दर्शाती हैं कि भारत न केवल विदेशी तकनीक पर निर्भरता घटा रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।

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