स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई के लिए मॉडल अनुबंध दस्तावेज जारी

शहरी स्वच्छता कार्यकर्ताओं की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के अधीन स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) ने निजी स्वच्छता सेवा प्रदाताओं (PSSOs) को संलग्न करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) का मार्गदर्शन करने हेतु मॉडल अनुबंध और सूचीबद्धता दस्तावेज जारी किए हैं। इन दस्तावेजों का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई सेवाओं को यंत्रीकृत, सुरक्षित और पेशेवर बनाना है।

शहरी स्वच्छता की वर्तमान स्थिति

भारत की लगभग 42 करोड़ शहरी आबादी में से लगभग 50% (4.5 करोड़ परिवार) सेप्टिक टैंकों का उपयोग करते हैं, जबकि लगभग 35% आबादी सीवर नेटवर्क से जुड़ी हुई है। सेप्टिक टैंकों को हर तीन साल में एक बार खाली करना आवश्यक होता है, वहीं सीवर लाइनों की नियमित सफाई और रखरखाव भी जरूरी है। इन प्रणालियों की प्रभावी सफाई और रखरखाव से ही शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित जल निकासी और अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सकता है।

मॉडल अनुबंध और सूचीबद्धता दस्तावेजों की विशेषताएं

MoHUA द्वारा जारी किए गए मॉडल दस्तावेजों में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:

  • सूचीबद्धता प्रक्रिया: निजी स्वच्छता सेवा प्रदाताओं, जैसे कंपनियां, सहकारी समितियां, स्वयं सहायता समूह (SHGs), सानी-उद्यमी और सूक्ष्म उद्यमियों को शहरों में पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
  • सेवा अनुबंध: अनुबंध दस्तावेजों में सेवा क्षेत्राधिकार, नागरिकों से अनुरोध प्राप्त करने की प्रक्रिया (जैसे हेल्पलाइन ‘14420’), अपशिष्ट जल के निर्दिष्ट उपचार स्थलों पर निपटान, सेवा स्तर मानक, शुल्क संरचना, और सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर दंड और अनुबंध समाप्ति की शर्तें शामिल हैं।
  • सुरक्षा और यंत्रीकरण: अनुबंधों में यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी सफाई सेवाएं यंत्रीकृत हों और स्वच्छता कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।

सफाई मित्र सुरक्षा पहल और NAMASTE कार्यक्रम

ये मॉडल दस्तावेज ‘सफाई मित्र सुरक्षा’ पहल के तहत जारी किए गए हैं, जिसका उद्देश्य स्वच्छता कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षित और यंत्रीकृत सफाई सेवाएं सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय यंत्रीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र (NAMASTE) कार्यक्रम के तहत शहरों को उपकरण और सुरक्षा गियर खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी विकास निगम (NSKFDC) के माध्यम से SHGs और सानी-उद्यमियों को यंत्रीकृत उपकरण खरीदने और व्यवसाय स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता पैकेज भी उपलब्ध कराए गए हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U): 2014 में शुरू किया गया यह मिशन शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सुधार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति प्राप्त करने के लिए कार्यरत है।
  • PEMSR अधिनियम, 2013: ‘मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013’ के तहत मैनुअल स्कैवेंजिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है और प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास की व्यवस्था की गई है।
  • सफाई मित्र सुरक्षा पहल: MoHUA द्वारा शुरू की गई यह पहल स्वच्छता कार्यकर्ताओं की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए यंत्रीकृत सफाई सेवाओं को बढ़ावा देती है।
  • NSKFDC: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी विकास निगम, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन एक संस्था है, जो सफाई कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित करती है।
  • NAMASTE कार्यक्रम: यह कार्यक्रम स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र को यंत्रीकृत और पेशेवर बनाने के लिए केंद्र सरकार की एक पहल है, जो स्वच्छता कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार पर केंद्रित है।

शहरी स्वच्छता सेवाओं को यंत्रीकृत और पेशेवर बनाने की दिशा में MoHUA द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल स्वच्छता कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करेगा, बल्कि नागरिकों को भी बेहतर और सुरक्षित सेवाएं प्रदान करेगा। यह पहल SHGs, सानी-उद्यमियों और सूक्ष्म उद्यमियों को औपचारिक क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे शहरी स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र में समावेशिता और दक्षता बढ़ेगी।

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