स्पेन-उत्तर अफ्रीका के बीच हज़ारों साल पुराना डीएनए संबंध कैसे समाप्त हुआ: नई जेनेटिक स्टडी का खुलासा

दक्षिण यूरोप की इबेरियन प्रायद्वीप, जहां आज का स्पेन और पुर्तगाल स्थित है, का उत्तर अफ्रीका के साथ हज़ारों वर्षों तक गहरा जैविक और सांस्कृतिक संबंध रहा। लेकिन 17वीं शताब्दी की मोरिस्को निष्कासन नीति’ ने इस संबंध को हमेशा के लिए तोड़ दिया। यह चौंकाने वाला निष्कर्ष एक नवीनतम जेनेटिक अध्ययन में सामने आया है जिसमें स्पेन के वेलेंसिया क्षेत्र से 12 प्राचीन मानव कंकालों की डीएनए जांच की गई।

डीएनए से मिला ऐतिहासिक सबूत

यह स्टडी वेलेंसिया क्षेत्र में तीन पुरातात्विक स्थलों से प्राप्त अवशेषों पर आधारित है—तीन प्राचीन (रोमन और विसिगोथ कालीन), पांच इस्लामी और चार ईसाई कालीन कब्रों से मिले अवशेषों से डीएनए डेटा तैयार किया गया। शोधकर्ताओं का लक्ष्य यह था कि वे यह जान सकें कि उत्तर अफ्रीकी डीएनए का इबेरिया में प्रभाव किस प्रकार और कब तक बना रहा।

इस्लामी विजय से पहले ही था अफ्रीकी प्रभाव

जनसामान्य में यह धारणा रही है कि उत्तर अफ्रीकी लोग केवल 711 ईस्वी के बाद स्पेन में आए जब अल अंडालुस (मुस्लिम स्पेन) की स्थापना हुई। लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि इन लोगों के डीएनए में इस्लामिक विजय से पहले ही उत्तर अफ्रीकी जीन मौजूद थे। इस प्रभाव की जड़ें ग्रीक, कार्थाजियन, रोमन और विसिगोथ काल में भी पाई गईं।

इसके बाद मुस्लिम शासन के दौरान यह संबंध और भी गहरा हुआ। यह स्पष्ट है कि स्पेन और मघरेब (उत्तर अफ्रीका) के बीच सांस्कृतिक और जैविक संबंध कई शताब्दियों तक चलता रहा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 711 ईस्वी में मुस्लिम विजय से पहले ही स्पेन में उत्तर अफ्रीकी जीन मौजूद थे।
  • अल अंडालुस (711–1492 ई.) काल में स्पेन में अरब और बर्बर मुस्लिमों का शासन था, जिनका प्रभाव भाषा, संस्कृति और वास्तुकला पर पड़ा।
  • मोरिस्को वे मुस्लिम थे जिन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन वे गुप्त रूप से इस्लाम का पालन करते रहे।
  • 1609–1614 ई. में फिलिप तृतीय द्वारा मोरिस्कों को निष्कासित किया गया, जिससे केवल वेलेंसिया क्षेत्र से ही एक-तिहाई जनसंख्या (लगभग 3 लाख) बाहर भेजी गई।
  • इस निष्कासन के बाद कैटलोनिया, अरागोन और नवारे जैसे उत्तरी क्षेत्रों से जनसंख्या को वेलेंसिया में बसाया गया।

कैसे टूटा यूरोप-अफ्रीका का जेनेटिक पुल

शोधकर्ताओं ने पाया कि 17वीं शताब्दी तक वेलेंसिया के ईसाई कब्रिस्तानों में भी उत्तर अफ्रीकी डीएनए मौजूद था, लेकिन 1609 के बाद यह अचानक समाप्त हो गया। यह निष्कासन एक ऐसा ऐतिहासिक मोड़ था जिसने सदियों पुराना यूरोप और अफ्रीका के बीच का जैविक पुल तोड़ दिया।

इस निष्कासन के बाद जिन लोगों को स्पेन से निकाला गया, वे भूमध्यसागर पार अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों में फैल गए, और उनके वंशजों के डीएनए के चिह्न आज स्पेन में नहीं मिलते। शोध में यह भी पाया गया कि स्पेन से नई दुनिया (अमेरिका) में गए उपनिवेशकों के साथ यह डीएनए वहां तक भी पहुंचा।

इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि इतिहास केवल किताबों में नहीं, बल्कि डीएनए में भी दर्ज होता है—और एक समय था जब स्पेन और उत्तर अफ्रीका एक-दूसरे से सिर्फ समुद्र नहीं, बल्कि रक्त संबंधों से भी जुड़े थे।

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