स्किल इंडिया असिस्टेंट (SIA): एआई-संचालित चैटबॉट से युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण और रोजगार में नया मार्गदर्शन

भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने “स्किल इंडिया असिस्टेंट (SIA)” नामक एक एआई-संचालित चैटबॉट लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य देशभर के नागरिकों को प्रशिक्षण और रोजगार से जुड़ी सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करना है। यह पहल डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देती है और स्किलिंग इकोसिस्टम में सेवा वितरण को सशक्त बनाती है।
SIA की प्रमुख विशेषताएँ
- उपलब्धता: SIA स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH) प्लेटफॉर्म और व्हाट्सऐप के माध्यम से सुलभ है, जिससे इसकी पहुंच ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों तक सुनिश्चित होती है।
- एआई आधार: यह चैटबॉट META और नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) द्वारा विकसित किया गया है और मेटा के ओपन-सोर्स भाषा मॉडल LLaMA पर आधारित है।
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मुख्य क्षमताएँ:
- यूज़र स्किल्स के अनुसार कोर्स की सिफारिश
- पास के प्रशिक्षण केंद्रों की जानकारी
- नौकरी के अवसरों की सूची
- इंटरैक्टिव क्विज़ और ऑन-डिमांड डाउट क्लीयरिंग सुविधा
- बहुभाषी समर्थन: यह चैटबॉट अंग्रेज़ी, हिंदी और हिंग्लिश में टेक्स्ट और वॉइस इंटरैक्शन की सुविधा देता है।
- 24/7 सेवा: यह चैटबॉट दिन-रात उपलब्ध है, जिससे यूज़र्स को किसी भी समय सहायता प्राप्त हो सकती है।
समावेशी और सुलभ डिज़ाइन
SIA को विशेष रूप से ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि यह सीमित डिजिटल साक्षरता और तकनीकी संसाधनों वाले लोगों तक भी आसानी से पहुंचे। इसके लिए निम्नलिखित विशेष उपाय किए गए हैं:
- मल्टीमॉडल इंटरफेस: कम साक्षरता वाले उपयोगकर्ताओं के लिए वॉइस और टेक्स्ट दोनों में संवाद की सुविधा
- लो-बैंडविड्थ अनुकूलता: व्हाट्सऐप पर आधारित सेवा जिससे हाई-स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होती
- विकलांगता अनुकूल: विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्तियों के लिए इंटरफेस को सुलभ और अनुकूल बनाया गया है
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- SIA भारत में किसी राष्ट्रीय स्किलिंग मिशन के तहत ओपन-सोर्स एआई का पहला बड़े पैमाने पर उपयोग है।
- यह पहल मेटा और NSDC के सहयोग से संचालित है।
- SIA की पहुंच व्हाट्सऐप के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों तक सुनिश्चित की गई है।
- यह स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH) के माध्यम से संचालित होती है।
निष्कर्ष
स्किल इंडिया असिस्टेंट (SIA) भारत में कौशल विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि समावेशी भी है, जिससे हर वर्ग के लोगों को सुलभ, व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से उपयोगी मार्गदर्शन मिल सकेगा। डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में यह एक मील का पत्थर है जो युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।