सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक निर्माण के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों को लेकर सरकार ने किए अहम बदलाव

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) से संबंधित नियमों में कई अहम संशोधन किए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 3 जून 2025 को अधिसूचित इन संशोधनों का उद्देश्य उच्च प्रौद्योगिकी निर्माण में निवेश को आकर्षित करना और भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में सशक्त बनाना है।

न्यूनतम भूमि आवश्यकता में कटौती

संशोधित SEZ नियमों के तहत अब केवल सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण हेतु स्थापित SEZ के लिए न्यूनतम 10 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जबकि पहले यह सीमा 50 हेक्टेयर थी। यह परिवर्तन Rule 5 में संशोधन द्वारा किया गया है, जिससे छोटे और मझोले निवेशक भी इस क्षेत्र में भाग ले सकें।

घरेलू आपूर्ति की अनुमति

SEZ इकाइयों को अब घरेलू बाजार में भी उत्पाद बेचने की अनुमति दी गई है, बशर्ते वे लागू शुल्कों का भुगतान करें। यह बदलाव Rule 18 में संशोधन द्वारा लाया गया है, जो पहले से निर्यात-उन्मुख SEZ मॉडल में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।

भूमि पर बंधक/पट्टे से छूट और अन्य संशोधन

Rule 7 के अंतर्गत संशोधन के बाद, अब यदि SEZ की भूमि केंद्र या राज्य सरकार अथवा उनकी अधिकृत एजेंसियों को बंधक या पट्टे पर दी गई हो, तो उसे ‘बाधा-मुक्त’ (encumbrance-free) मानने की शर्त से छूट दी जा सकती है। साथ ही Rule 53 में संशोधन कर फ्री-ऑफ-कॉस्ट वस्तुओं को नेट फॉरेन एक्सचेंज (NFE) गणना में शामिल करने की अनुमति दी गई है।

गुजरात और कर्नाटक में नई SEZ इकाइयों को मंजूरी

इन नीतिगत सुधारों के बाद, दो नई SEZ परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। माइक्रॉन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (MSTI) को गुजरात के साणंद में 37.64 हेक्टेयर क्षेत्र में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई स्थापित करने की अनुमति मिली है, जिसमें ₹13,000 करोड़ का निवेश होगा। वहीं, एक़स समूह की इकाई हबली ड्यूरबल गुड्स क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड को कर्नाटक के धारवाड़ में 11.55 हेक्टेयर में ₹100 करोड़ निवेश के साथ इलेक्ट्रॉनिक घटक निर्माण SEZ स्थापित करने की मंजूरी मिली है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • SEZ नियम, 2006 के Rule 5, 7, 18 और 53 में संशोधन किए गए हैं।
  • संशोधन के बाद अब 10 हेक्टेयर भूमि पर भी सेमीकंडक्टर SEZ स्थापित किया जा सकता है।
  • SEZ इकाइयों को घरेलू बाजार में भी आपूर्ति की अनुमति दी गई है, करों के भुगतान के बाद।
  • माइक्रॉन और एक़स समूह की परियोजनाएं कुल ₹13,100 करोड़ निवेश के साथ शुरू होंगी।

इन सुधारों से भारत में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी, जिससे उच्च तकनीकी रोजगार के अवसर पैदा होंगे और भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाएगा।

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