सूर्य के क्रोमोस्फेयर की पहली 3D झलक: NASA का SNIFS मिशन देगा सूर्य की ऊर्जा रहस्यों का जवाब

सौर भौतिक विज्ञान में एक ऐतिहासिक प्रयोग के तहत, NASA और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम 18 जुलाई को न्यू मैक्सिको से एक साउंडिंग रॉकेट लॉन्च करने जा रही है। इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के सबसे गतिशील हिस्से — क्रोमोस्फेयर — का बारीकी से अवलोकन करना है। यह क्षेत्र सूर्य की दृश्य सतह (फोटोस्फेयर) और उसकी बाहरी वातावरण (कोरोना) के बीच स्थित होता है।

SNIFS: पहली अल्ट्रावायलेट 3D स्पेक्ट्रोग्राफ तकनीक

इस रॉकेट पर सवार होगा SNIFS (Solar EruptioN Integral Field Spectrograph) — एक अनूठा उपकरण जो सूर्य के ऊपरी क्रोमोस्फेयर और ट्रांजिशन ज़ोन का हाई-रिजोल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपिक डेटा एकत्र करेगा। मिशन के सह-अन्वेषक सouvik बोस के अनुसार, “SNIFS सूर्य की यूवी स्पेक्ट्रम की सबसे तेज रेखा — हाइड्रोजन लायमैन-अल्फा लाइन — को लक्षित करेगा, जो तापमान, वेग और घनत्व जैसे मापदंडों का निर्धारण करने में मदद करेगा।”
SNIFS के माध्यम से वैज्ञानिक हर पिक्सल के लिए एक पूर्ण स्पेक्ट्रम निकाल सकेंगे, जिससे हर क्षण के लिए 3D डेटा सेट संभव होगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • क्रोमोस्फेयर: सूर्य का लालिमा लिए क्षेत्र, जो लगभग 6,000°C से 10 लाख°C तक गर्म हो सकता है।
  • SNIFS: पहली बार सूर्य के लिए उड़ाया गया अल्ट्रावायलेट इंटीग्रल फील्ड स्पेक्ट्रोग्राफ।
  • अवलोकन अवधि: लगभग 10 मिनट, साउंडिंग रॉकेट के माध्यम से।
  • सहभागी संस्थान: NASA Goddard Space Flight Center, University of Colorado, Queen’s University Belfast, Lockheed Martin Solar Lab।

क्यों क्रोमोस्फेयर का अध्ययन महत्वपूर्ण है?

क्रोमोस्फेयर में ही सौर ज्वालाएं, गर्म प्लाज़्मा जेट्स और ऊर्जावान विस्फोट उत्पन्न होते हैं। यहीं से वह ऊर्जा गुजरती है जो अंततः कोरोना को गर्म करती है — एक रहस्य जिसे वैज्ञानिक दशकों से हल करने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि क्रोमोस्फेयर में आयनित प्लाज़्मा होता है, जो चुंबकीय क्षेत्रों में असामान्य रूप से व्यवहार करता है, और थर्मोडायनामिक संतुलन के नियमों को नहीं मानता, इसे समझना अब तक चुनौतीपूर्ण रहा है।

नई तकनीक से नई संभावनाएं

SNIFS में एक ग्रेगोरियन-शैली की परावर्तक दूरबीन है, जिसे एक विशेष मिररलेट सरणी के साथ जोड़ा गया है। यह हर स्थान से आने वाले प्रकाश को अलग-अलग स्पेक्ट्रल बैंड्स में विभाजित कर अवलोकन करेगा — बिना किसी ओवरलैप के।
इस डेटा से क्रोमोस्फेयर की ऊर्जा की आपूर्ति और उत्सर्जन की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी, जिससे सूर्य की बाहरी परत — कोरोना — की अत्यधिक गर्मी का रहस्य सुलझाने में मदद मिलेगी।
NASA का यह मिशन सौर विज्ञान की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो न केवल वैज्ञानिकों को सूर्य की गहराइयों में झाँकने देगा, बल्कि हमारे सौर मंडल के सबसे रहस्यमय प्रश्नों का उत्तर भी खोजने में मदद करेगा।

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