सीरिया में इजरायली हवाई हमले: ड्रूज़ समुदाय के नाम पर बढ़ता क्षेत्रीय तनाव

सीरिया के दक्षिणी प्रांत सुवैदा (Suweida) में ड्रूज़ और सुन्नी बदूइन लड़ाकों के बीच जारी संघर्ष के बीच इजरायल ने व्यापक हवाई हमलों की शुरुआत की है। 13 जुलाई से शुरू हुई हिंसा ने अब तक कम से कम 350 लोगों की जान ले ली है। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) के अनुसार, इस संघर्ष की शुरुआत एक ड्रूज़ व्यापारी के अपहरण से हुई, जिसके बाद हालात तेजी से बिगड़ते चले गए।
ड्रूज़ समुदाय: दो मोर्चों के बीच फंसा अल्पसंख्यक
ड्रूज़, जो सीरिया की आबादी का लगभग 3% हैं, लंबे समय से दक्षिणी क्षेत्रों में अपने स्थानीय मिलिशिया के माध्यम से स्वायत्तता बनाए रखते आए हैं। 2024 में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के पतन के बाद, नए राष्ट्रपति अहमद अल-शराअ ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा किया, परंतु रिपोर्ट्स बताती हैं कि सरकारी बलों द्वारा ड्रूज़ नागरिकों पर हमले और सामूहिक हत्याएं अब भी जारी हैं।
इजरायली हस्तक्षेप: सुरक्षा या रणनीति?
इजरायल ने 15 जुलाई को अपने सैन्य हस्तक्षेप की घोषणा की, यह कहते हुए कि वह ड्रूज़ समुदाय की रक्षा और सरकार समर्थित बलों को खत्म करने के उद्देश्य से कार्रवाई कर रहा है। शुरू में हमले सुवैदा में सुरक्षा बलों और सैन्य वाहनों पर केंद्रित थे, लेकिन अगले दिन राजधानी दमिश्क स्थित रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय तक पहुंच गए।
यह इजरायल का दिसंबर 2024 के बाद से सबसे बड़ा सैन्य अभियान है, जब उसने सीरिया के कई इलाकों में अभियान चलाया और गोलन हाइट्स के पास संयुक्त राष्ट्र बफर ज़ोन पर नियंत्रण कर लिया था।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ड्रूज़ समुदाय सीरिया की लगभग 3% आबादी का हिस्सा है और मुख्य रूप से दक्षिणी क्षेत्रों में रहता है।
- जुलाई 2025 की हिंसा में अब तक 350 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
- दिसंबर 2024 में इजरायल ने सीरिया में व्यापक सैन्य अभियान और Golan Heights में UN बफर ज़ोन पर कब्जा किया था।
- इजरायल का उद्देश्य दक्षिण सीरिया में ‘डिमिलिट्राइज़्ड ज़ोन’ स्थापित करना और इस्लामी लड़ाकों की मौजूदगी को नियंत्रित करना है।
क्षेत्रीय राजनीति और रणनीतिक समीकरण
इजरायल हाल के महीनों में ड्रूज़, कुर्द और अलावी जैसे सीरियाई अल्पसंख्यकों के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश करता दिख रहा है। वह खुद को क्षेत्रीय अल्पसंख्यकों का संरक्षक बताता है, लेकिन कुछ ड्रूज़ नेताओं का मानना है कि इजरायल इन विभाजनों का लाभ उठाकर अपने रणनीतिक हित साधता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सीरिया की नई इस्लामी झुकाव वाली सरकार को लेकर इजरायल संदेहपूर्ण रहेगा और दक्षिणी सीरिया में हवाई हमलों के साथ-साथ हाशिए पर खड़े समुदायों से रिश्ते बनाता रहेगा।
निष्कर्ष: अस्थिरता की नई लहर
ड्रूज़-सुन्नी संघर्ष, इजरायली हमले और विदेशी दखल की पृष्ठभूमि में सीरिया एक बार फिर से गंभीर सुरक्षा संकट की ओर बढ़ रहा है। यह न केवल देश की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को बाधित करता है, बल्कि पूरे क्षेत्र में अस्थिरता की एक नई लहर भी शुरू करता है — जिसमें धार्मिक, राजनीतिक और भौगोलिक तनाव की परतें आपस में उलझती जा रही हैं।