सिलहटी भाषा

सिलहटी भाषा

सिलहटी भाषा कुछ पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों जैसे असम और त्रिपुरा में बोली जाती है। यह मूल रूप से सिलहट की भाषा है, जो बांग्लादेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। सिलहटी भाषा उत्तर पूर्वी भारत की काफी आबादी द्वारा बोली जाती है। दिलचस्प बात यह है कि सिलहटी भाषा को अक्सर बंगाली भाषा और असमिया भाषा की बोली के रूप में माना जाता है। इन दोनों भाषाओं और सिलहटी भाषा में कई समानताएँ हैं। हालाँकि उनके बीच उल्लेखनीय अंतर भी हैं। सिलहटी भाषा में असमिया भाषा के साथ कई सामान्य विशेषताएं हैं। सिलहटी भाषा की लिपि व्यापक रूप से ज्ञात नहीं है। यह भाषा पहले अपनी ही लिपि में लिखी जाती थी जो सिलहटीनागरी है, लेकिन वर्तमान में यह लगभग बंगाली लिपि में ही लिखी जाती है। सिलहटी भाषा असम के कई जिलों जैसे कछार जिला, करीमगंज और हैलाकांडी में सीमा पार बोली जाती है। सिलहटी नगरी लिपि में साहित्य की समृद्ध विरासत है जो लगभग 200 वर्ष पुरानी है। सिलहटी भाषा की लिपि में पांच स्वतंत्र स्वर, एक व्यंजन से जुड़े पांच आश्रित स्वर और 27 व्यंजन शामिल हैं। सिलहटीनागरी लिपि के अक्षर बंगाली वर्णमाला से भिन्न हैं। सिलहटी भाषा को वर्तमान में एक स्वतंत्र भाषा के रूप में माना जाता है। दुनिया भर में सिलहटी भाषा के बोलने वालों की एक बड़ी संख्या है।

Originally written on February 13, 2022 and last modified on February 13, 2022.

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