वैश्विक जलवायु वित्त 2025 रिपोर्ट: निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर, लेकिन चुनौतियाँ बरकरार

क्लाइमेट पॉलिसी इनिशिएटिव (CPI) द्वारा जारी ‘ग्लोबल लैंडस्केप ऑफ क्लाइमेट फाइनेंस 2025’ रिपोर्ट में यह सामने आया है कि 2023 में वैश्विक जलवायु वित्त 1.9 ट्रिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया। यह 2022 की तुलना में 15% की वृद्धि है। हालांकि यह सकारात्मक संकेत है, रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि मौजूदा वित्तीय प्रवाह जलवायु संकट की गंभीरता से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
वित्तीय प्रवृत्तियाँ और भविष्य की आवश्यकता
- 2023 तक निवेश वृद्धि दर (CAGR): 2018–2023 के बीच 19%, जबकि 2021–2023 के बीच यह 26% रही।
- आवश्यक जलवायु वित्त (2024–2030): प्रति वर्ष $6.3 ट्रिलियन
- यदि मौजूदा दर से वृद्धि जारी रही: 2030 तक कुल $6 ट्रिलियन — लक्षित राशि से कम
शमन (Mitigation) बनाम अनुकूलन (Adaptation)
- 2023 में शमन पर खर्च: $1.78 ट्रिलियन (94% निवेश), जिसमें ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र का प्रमुख योगदान
- ऊर्जा क्षेत्र में निवेश: $831 बिलियन, मुख्यतः सोलर, विंड और EV के माध्यम से
- अनुकूलन पर खर्च: केवल $65 बिलियन — 2030 तक विकासशील देशों के लिए अपेक्षित $222 बिलियन से बहुत कम
क्षेत्रीय असमानताएँ
- प्रमुख क्षेत्र: पूर्वी एशिया और प्रशांत (मुख्यतः चीन), पश्चिमी यूरोप और उत्तर अमेरिका — कुल 79% वैश्विक जलवायु वित्त इन्हीं क्षेत्रों में गया
- घरेलू स्रोतों से वित्त: इन क्षेत्रों में 89% जबकि उप-सहारा अफ्रीका जैसे विकासशील क्षेत्रों में केवल 23%
निजी बनाम सार्वजनिक वित्त
- निजी क्षेत्र से वित्त: 2023 में पहली बार $1 ट्रिलियन पार, जिसमें घरों द्वारा EV और रूफटॉप सोलर में निवेश प्रमुख रहा
- सार्वजनिक वित्त: 2022 से 2023 के बीच 8% की गिरावट, मुख्यतः बजट कटौती के कारण
ऋण और अनुदान में अंतर
- 2023 में कुल वित्त का 90%: मार्केट-रेट ऋण या इक्विटी
- सिर्फ 7%: रियायती वित्त (जैसे अनुदान)
- LDC (कम विकसित देश): अब भी रियायती पूंजी पर निर्भर, प्रोजेक्ट्स को सुरक्षित करने के लिए
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- CPI (Climate Policy Initiative): वैश्विक जलवायु वित्त प्रवाह का विश्लेषण करने वाला प्रमुख शोध समूह
- AFOLU: Agriculture, Forestry and Other Land Use — जलवायु वित्त में तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र
- Baku-to-Belém रोडमैप: COP30 सम्मेलन (2025) में निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की रूपरेखा
समाधान और सुझाव
- बैंक योग्य परियोजनाओं की योजना बनाना
- रियायती पूंजी से जोखिम को कम करना
- ब्लेंडेड फाइनेंस और गारंटी जैसे उपकरणों का उपयोग
- कार्बन बाजारों और मूल्य निर्धारण तंत्र को मजबूत करना
CPI की रिपोर्ट बताती है कि जलवायु वित्त का विस्तार करना केवल एक विकल्प नहीं बल्कि भविष्य के लिए अनिवार्यता है। इससे प्राप्त होने वाले सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ इसकी लागत से कहीं अधिक हैं। COP30 सम्मेलन में लिया गया सामूहिक निर्णय यह तय करेगा कि हम जलवायु लक्ष्यों को कितनी प्रभावी ढंग से प्राप्त कर पाएंगे।