विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों के लिए सरकार का ‘SEED’ योजना: सामाजिक न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम

भारत सरकार ने सामाजिक रूप से उपेक्षित विमुक्त (De-notified), घुमंतू (Nomadic) और अर्ध-घुमंतू (Semi-Nomadic) समुदायों (DNTs) के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए SEED योजना का शुभारंभ किया है। राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने बताया कि योजना का उद्देश्य इन समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच दिलाना है।
SEED योजना क्या है?
पूर्ण नाम: Scheme for Economic Empowerment of Denotified/Nomadic/Semi-Nomadic Communitiesशुरुआत: फरवरी 2022क्रियान्वयन निकाय: विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों के विकास एवं कल्याण बोर्ड (DWBDNC)
प्रमुख घटक:
- नि:शुल्क कोचिंग: सिविल सेवा, इंजीनियरिंग, मेडिकल, MBA आदि जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए।
- स्वास्थ्य बीमा: आयुष्मान भारत योजना (PMJAY) के माध्यम से।
- आजीविका प्रोत्साहन: स्व-सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से।
- आवास सहायता: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY – ग्रामीण और शहरी) के अंतर्गत।
अब तक की उपलब्धियाँ
- 3,438 SHGs का गठन, जिनमें 46,067 सदस्य DNT समुदायों से हैं।
- ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, जिससे पंजीकरण और डेटा संग्रहण में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
- अन्य योजनाओं में डॉ. आंबेडकर प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति तथा नानाजी देशमुख छात्रावास निर्माण योजना शामिल हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Criminal Tribes Act, 1871 के तहत ब्रिटिश शासन ने कई समुदायों को “जन्मजात अपराधी” घोषित किया था। यह कानून 1952 में स्वतंत्र भारत में रद्द किया गया।
- 1947 में गठित Criminal Tribes Inquiry Committee और 1949 में अनंतसायनम अयंगार समिति ने इन समुदायों की स्थिति पर विचार किया।
- काका कालेलकर आयोग (1953) और मंडल आयोग (1980) ने भी इन समुदायों की पहचान और सशक्तिकरण की सिफारिशें दीं।
- 2008 में रेन्के आयोग ने अनुमानित किया था कि इन समुदायों की कुल जनसंख्या 10.74 करोड़ है।
- 2015 में इडेटे आयोग की सिफारिश पर 2019 में DWBDNC बोर्ड की स्थापना हुई।
चुनौतियाँ और आगे की राह
- कई समुदाय अब भी SC/ST/OBC श्रेणियों में शामिल नहीं हैं, जिससे उन्हें कानूनी लाभ नहीं मिल पाते।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) में DNT की अलग से निगरानी नहीं की जाती।
- अब आवश्यकता है कि राज्यों और केंद्र सरकार के बीच समन्वय बढ़ाकर इन समुदायों को मुख्यधारा में लाया जाए।
SEED योजना भारत सरकार की एक पहल है जो न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। यह उन समुदायों को पहचान और सम्मान देने का प्रयास है, जिन्हें लंबे समय तक भुला दिया गया था।