विकासशील देशों में लैंगिक समानता को बाधित कर रही है $420 अरब की वार्षिक वित्तीय कमी

संयुक्त राष्ट्र की संस्था UN Women ने हाल ही में चेताया है कि विकासशील देशों में लैंगिक समानता के लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयास $420 अरब की वार्षिक धन की कमी के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। यह चेतावनी चौथे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सम्मेलन (FfD4) के दौरान दी गई, जो स्पेन के सेविले शहर में संपन्न हुआ।
सम्मेलन और सहमति
- इस सम्मेलन का समापन Compromiso de Sevilla नामक एक संयुक्त प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जिसमें समावेशी और सतत विकास के लक्ष्य को लेकर देशों ने एकजुटता दिखाई।
- UN Women ने इस समझौते का स्वागत किया, लेकिन साथ ही चेताया कि राजनीतिक संकल्प के साथ ठोस वित्तीय कदम आवश्यक हैं।
लैंगिक समानता के लिए फंडिंग संकट
- $420 अरब की वार्षिक कमी उन संसाधनों की कमी को दर्शाती है जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अंतर्गत निर्धारित लैंगिक समानता के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं।
-
UN Women का कहना है कि यह कमी तीन प्रमुख वजहों से है:
- क्रॉनिक अंडरफंडिंग (लगातार कम फंड मिलना)
- व्यय की प्रभावी निगरानी की कमी
- असमान वैश्विक वित्तीय नियम, जो सबसे गरीब देशों से संसाधन हटा देते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- UN Women: संयुक्त राष्ट्र की वह एजेंसी जो लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्य करती है।
- SDGs (Sustainable Development Goals): संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2030 तक प्राप्त किए जाने वाले 17 वैश्विक विकास लक्ष्य, जिनमें लैंगिक समानता भी एक मुख्य लक्ष्य है।
- Gender-responsive budgeting: बजट निर्धारण की वह प्रक्रिया जिसमें महिलाओं और लड़कियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए धन आवंटित किया जाता है।
- Beijing Platform for Action: 1995 में बीजिंग में आयोजित चौथे विश्व महिला सम्मेलन में अपनाया गया एक वैश्विक एजेंडा जो महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए बना था।
समाधान हेतु सिफारिशें
UN Women ने इस संकट से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:
- लैंगिक उत्तरदायी बजटिंग को बढ़ावा देना ताकि सार्वजनिक धन महिलाओं और लड़कियों की जरूरतों को संबोधित कर सके।
- ऋण राहत और प्रगतिशील कर सुधार लागू करना जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा और देखभाल क्षेत्र में निवेश के लिए संसाधन उपलब्ध हो सकें।
- लोक-व्यय को पुनः संतुलित करना, ताकि दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों जैसे शांति निर्माण और समावेशन को प्राथमिकता दी जा सके।
- देखभाल संबंधी बुनियादी ढांचे (जैसे चाइल्डकेयर, एल्डरकेयर) में निवेश करना — UN Women का कहना है कि यदि देश अपनी राष्ट्रीय आय का 10% इस क्षेत्र में लगाएं तो लाखों रोजगार सृजित हो सकते हैं और गरीबी कम हो सकती है।
निष्कर्ष
अगर यह फंडिंग गैप दूर नहीं किया गया, तो 2030 एजेंडा और बीजिंग प्लेटफॉर्म जैसे वैश्विक वादे केवल कागजी साबित होंगे। इसलिए, समय की मांग है कि सभी सरकारें अपनी घोषणाओं को पारदर्शी, जवाबदेह और पर्याप्त वित्तीय संसाधनों के साथ लागू करें, जिससे लैंगिक समानता केवल एक आदर्श नहीं बल्कि एक वास्तविकता बन सके।