रूस के कमचटका प्रायद्वीप में आए भूकंपों से हड़कंप: 7.4 तीव्रता वाला सबसे शक्तिशाली झटका, सुनामी चेतावनी बाद में रद्द

रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कमचटका प्रायद्वीप के तटीय क्षेत्र में रविवार को लगातार पाँच भूकंप आए, जिनमें से सबसे शक्तिशाली भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई। जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र (GFZ) और यूरोपीय भूमध्यसागरीय सिस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) दोनों ने इसकी पुष्टि की।
भूकंप का विवरण और प्रतिक्रिया
- भूकंप का केंद्र कमचटका के पूर्वी तट से दूर, 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर था।
- GFZ ने पहले इसे 6.7 की तीव्रता का बताया था, जिसे बाद में 7.4 में अपडेट किया गया।
- इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र ने हवाई के लिए सुनामी अलर्ट जारी किया, जिसे कुछ समय बाद रद्द कर दिया गया।
रूस के आपात मंत्रालय ने भी कमचटका के तटीय क्षेत्रों के लोगों को किनारे से दूर रहने की सलाह दी। स्थानीय आपात सेवाओं के अनुसार, पहले 60 सेंटीमीटर तक की लहरों की चेतावनी दी गई थी, लेकिन बाद में सुनामी चेतावनी हटा दी गई।
कमचटका: भूकंपों का सक्रिय क्षेत्र
कमचटका प्रायद्वीप प्रशांत और उत्तर अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन बिंदु पर स्थित है, जो इसे भूकंपीय दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील बनाता है।
- 1900 से अब तक कमचटका क्षेत्र में 8.3 या उससे अधिक तीव्रता के सात बड़े भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं।
- 4 नवंबर 1952 को आए 9.0 तीव्रता वाले भूकंप से हवाई में 9.1 मीटर ऊँची लहरें उठीं, परंतु कोई जानहानि नहीं हुई।
कमचटका की भौगोलिक और पारिस्थितिक विशेषताएँ
- यह प्रायद्वीप लगभग 1,200 किमी लंबा और 480 किमी चौड़ा है।
- यहाँ 127 ज्वालामुखी हैं, जिनमें से 22 सक्रिय हैं, विशेषकर Vostochny Range के किनारे।
- सबसे ऊँचा ज्वालामुखी क्ल्यूचेवस्काया (4,750 मीटर) है।
- क्षेत्र में भारी बर्फबारी और ठंडी जलवायु होती है, और अधिकतर भूभाग टुंड्रा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कमचटका प्रायद्वीप प्रशांत महासागर और बेरिंग सागर के बीच स्थित है।
- पेट्रोपावलोव्स्क-कमचात्स्की इसका प्रमुख शहर और बंदरगाह है।
- यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधि मछली पकड़ना (विशेषकर केकड़ा) है।
- कमचटका का अधिकांश हिस्सा ज्वालामुखीय और भूकंपीय गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्र है।
- 1952 का भूकंप इतिहास का सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक माना जाता है।
निष्कर्ष
रविवार को कमचटका में आए भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता की पुष्टि कर दी है। हालाँकि इस बार कोई बड़े नुकसान की सूचना नहीं है और सुनामी की चेतावनी भी हटा दी गई है, परंतु इस प्रकार की घटनाएँ वैश्विक आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से सतर्कता बनाए रखने का संकेत देती हैं। प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता और वैज्ञानिक निगरानी ही इस प्रकार के क्षेत्रों में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।