राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की धीमी प्रगति: केवल 25 शहरों ने हासिल किया प्रदूषण में लक्षित कमी

भारत सरकार द्वारा 2019 में शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब तक 130 शहरों को फंडिंग दी गई है। लेकिन हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, इन शहरों में से केवल 25 ने ही PM10 कणों में 40% या उससे अधिक की कमी हासिल की है, जो कि 2017-18 के आधार वर्ष की तुलना में है।

क्या है NCAP और इसके लक्ष्य?

NCAP की शुरुआत 2019 में हुई थी और इसका उद्देश्य 2024 तक 2017 के स्तर की तुलना में PM2.5 और PM10 में 20-30% की कमी लाना था। बाद में 2022 में इसे संशोधित कर 2025-26 तक PM10 में 40% की कमी का लक्ष्य रखा गया, लेकिन PM2.5 के लिए कोई नया लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया।
PM10 और PM2.5 हवा में मौजूद सूक्ष्म कण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं और विशेषकर फेफड़ों व हृदय संबंधी रोगों का कारण बनते हैं।

अब तक की उपलब्धि और चिंताजनक आंकड़े

लोकसभा में पर्यावरण राज्य मंत्री किर्ती वर्धन सिंह द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार:

  • 130 शहरों में से केवल 25 शहरों ने 40% की कमी का लक्ष्य प्राप्त किया।
  • 103 शहरों में कुछ हद तक कमी देखी गई है।
  • लेकिन 25 शहरों में प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की गई है।

इनमें से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहर हैं:

  • बरेली (76%), वाराणसी (74.3%), फिरोज़ाबाद (59.5%), और देहरादून (57.2%)

जबकि सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शहर हैं:

  • औरंगाबाद (33.3% वृद्धि), विशाखापत्तनम (32.9%), जलगांव (32.9%), और नलगोंडा (32.2%)

इसके अलावा भुवनेश्वर, गया, कोरबा और श्रीकाकुलम जैसे शहरों में भी मामूली से लेकर मध्यम वृद्धि देखी गई है।

प्रमुख महानगरों की स्थिति

  • मुंबई: 44% की कमी
  • कोलकाता: 37% की कमी
  • दिल्ली: 15% की कमी
  • चेन्नई: 12% की कमी

हालांकि इनमें भी केवल मुंबई ही लक्षित 40% सीमा को पार कर पाई है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NCAP 2019 में लॉन्च हुआ और इसका संशोधित लक्ष्य 2026 तक 40% PM10 कमी है।
  • 130 शहरों को कुल ₹13,036.52 करोड़ का फंड मिला, जिसमें से 48 शहरों को 15वें वित्त आयोग के तहत विशेष अनुदान मिला।
  • भारत में 2024 में कुल PM10 प्रदूषण से संबंधित 37 लाख स्वास्थ्य संबंधी मामले दर्ज किए गए थे।
  • सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शहर महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के हैं।

निष्कर्ष: लक्ष्य से दूर, पर आशा शेष

हालांकि कुल मिलाकर 103 शहरों ने किसी न किसी स्तर पर प्रदूषण में कमी दर्ज की है, पर केवल 22 शहर ही ऐसे हैं जो 40% लक्ष्य के साथ-साथ PM10 की राष्ट्रीय सीमा (60 µg/m³) से नीचे आए हैं। यह दिखाता है कि NCAP का कुछ प्रभाव जरूर पड़ा है, लेकिन इसके लक्ष्यों को व्यापक स्तर पर प्राप्त करना अब भी चुनौती बना हुआ है।
आवश्यकता है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस दिशा में अधिक ठोस नीतिगत कार्यवाही, स्थानीय निकायों के सशक्तिकरण और जनभागीदारी के माध्यम से वायु गुणवत्ता सुधार को गति दें। तभी भारत अपने नागरिकों के लिए शुद्ध और सुरक्षित वायु सुनिश्चित कर पाएगा।

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