राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) का गठन: आपदा की स्थिति में सर्वोच्च समन्वय संस्था

केंद्र सरकार ने 23 जुलाई 2025 को राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (National Crisis Management Committee – NCMC) का गठन किया है, जिसका उद्देश्य देशभर में व्यापक प्रभाव डालने वाली प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी रूप से निपटना है। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 8A(2) के तहत यह समिति गठित की गई है।

समिति की संरचना और अध्यक्षता

  • अध्यक्ष: कैबिनेट सचिव
  • सदस्य:

    • केंद्रीय गृह सचिव
    • रक्षा सचिव
    • कैबिनेट सचिवालय के समन्वय सचिव
    • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के प्रमुख सदस्य

समिति के अध्यक्ष को यह अधिकार है कि वह किसी विशेषज्ञ, केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारी, या किसी संस्था के प्रतिनिधि को आमंत्रित कर सकते हैं, जिससे संकट की प्रकृति के अनुसार सहायता प्राप्त की जा सके।

समिति की भूमिका और कार्य

  • तैयारी का मूल्यांकन: किसी संभावित, उभरती या सक्रिय आपदा की स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर तैयारी का आकलन करना।
  • दिशा-निर्देश जारी करना: जरूरत पड़ने पर तैयारी बढ़ाने और प्रभावी प्रतिक्रिया हेतु आवश्यक निर्देश देना।
  • समन्वय एवं निगरानी: केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय और राज्य स्तर की आपदा प्राधिकरणों तथा स्वयंसेवी संगठनों की कार्रवाईयों का समन्वय और निगरानी करना।
  • आपदा प्रतिक्रिया को निर्देशित करना: देश में आपदा से निपटने की प्रक्रिया को संगठित एवं नियंत्रित करना।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 भारत की एक प्रमुख विधायी पहल है, जिसके तहत NDMA और राज्य स्तरीय संस्थाएं कार्य करती हैं।
  • NCMC का गठन राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर आपदा प्रबंधन के लिए एक एपेक्स बॉडी के रूप में हुआ है।
  • हाल ही में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और मणिपुर जैसे राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं ने इसके गठन को और तात्कालिक बना दिया है।

NCMC का गठन इस बात का संकेत है कि भारत अब आपदाओं की रोकथाम और प्रतिक्रिया में केवल राहत के बजाय समन्वित और पूर्व-सक्रिय रणनीति को अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर संकट के समय सभी संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय बना रहे और जनहानि और संपत्ति नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।

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