राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2025 का मसौदा जारी: 2030 तक ₹1 ट्रिलियन निवेश, 10 लाख नई नौकरियों और व्यापक नेटवर्क विस्तार का लक्ष्य

सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2025 (National Telecom Policy – NTP 2025) का मसौदा जारी किया, जिसमें 2030 तक भारत के दूरसंचार क्षेत्र को व्यापक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य को सामने रखा गया है। नीति मसौदे पर 21 दिनों के भीतर हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
नीति के मुख्य लक्ष्य
- दूरसंचार क्षेत्र में वार्षिक निवेश को ₹1 ट्रिलियन तक दोगुना करना
- टेलीकॉम उत्पादों, सेवाओं और स्टार्टअप के निर्यात को दो गुना बढ़ाना
- 2030 तक 1 मिलियन (10 लाख) नई नौकरियां सृजित करना
- समान संख्या में लोगों को पुनः प्रशिक्षित या स्किल्ड बनाना
नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में परिवर्तन
- फाइबर युक्त टावरों का अनुपात: 46% से बढ़ाकर 80% करना
- 5G आबादी कवरेज: 90% तक पहुंचाना
- हर गांव के सरकारी संस्थानों को कनेक्ट करना और 100 मिलियन घरों में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड पहुंचाना
ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
- डिजिटल भारत निधि के तहत योजनाएं
- रूरल फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन
- छोटे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को अंतिम-मील कनेक्टिविटी के लिए सहयोग
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- यह नीति राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2018 का विस्तारित रूप है।
- IITs समेत 30 उन्नत अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना का प्रस्ताव है।
- टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन बनाए जाएंगे, जहां डिजाइन से लेकर उत्पादन तक की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को विकसित किया जाएगा।
- सुरक्षा की दृष्टि से, नेटवर्क को क्वांटम और क्लासिकल कंप्यूटर के खतरों से सुरक्षित बनाने पर जोर।
- AI Incident Reporting जैसे AI/ML आधारित साइबर सुरक्षा फ्रेमवर्क का उपयोग होगा।
पर्यावरण और नवाचार
- कार्बन फुटप्रिंट में 30% की कमी का लक्ष्य
- टेलीकॉम स्टार्टअप की संख्या को दोगुना करना
- R&D खर्च को दोगुना कर उभरती हुई तकनीकों में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना
निष्कर्ष
राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2025, भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और विश्व स्तरीय दूरसंचार बुनियादी ढांचे की स्थापना की दिशा में एक रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत करती है। यह न केवल निवेश और नवाचार को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण भारत को भी कनेक्टिविटी, रोजगार और तकनीकी समावेशन के नए अवसर देगी। इस मसौदे की सफलता हितधारकों की सक्रिय भागीदारी और समयबद्ध क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी।