यूनाइटेड नेशंस ओशन कॉन्फ्रेंस में भारत की पहल: वैश्विक महासागर संधि और ‘सहव’ पोर्टल की शुरुआत

फ्रांस के नीस शहर में आयोजित तीसरे संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UNOC-3) में भारत ने महासागर संरक्षण के लिए वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर SAHAV — एक डिजिटल महासागर डेटा पोर्टल — का शुभारंभ किया और एक वैश्विक महासागर संधि की आवश्यकता पर बल दिया।

महासागर संधि: साझा भविष्य के लिए वैश्विक रणनीति

डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “महासागर हमारी साझा विरासत और जिम्मेदारी हैं।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे नवाचार में निवेश करें, बीबीएनजे समझौते (BBNJ Agreement) को शीघ्र अनुमोदित करें, और प्लास्टिक संधि को अंतिम रूप दें। यह वैश्विक महासागर संधि जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और समुद्री संसाधनों के अत्यधिक दोहन जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति होगी।

SAHAV पोर्टल: पारदर्शी और वैज्ञानिक महासागर प्रबंधन की दिशा में कदम

SAHAV, भारत द्वारा विकसित एक डिजिटल महासागर डेटा पोर्टल है, जो महासागर प्रबंधन को वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित और पारदर्शी बनाएगा। यह पोर्टल समुद्री अनुसंधान, नीति निर्माण और डेटा साझाकरण में सहायता करेगा और सरकार, निजी क्षेत्र, वैज्ञानिकों और नागरिक समाज के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • UNOC-3 सम्मेलन 9–13 जून 2025 को नीस, फ्रांस में आयोजित हो रहा है।
  • सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य-14 (SDG 14) को लागू करना है: महासागरों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और सतत उपयोग।
  • भारत ने BBNJ संधि की शीघ्र पुष्टि और वैश्विक प्लास्टिक संधि की वकालत की।
  • SAHAV पोर्टल भारत द्वारा महासागर डेटा प्रबंधन हेतु विकसित किया गया है।
  • महासागर का औसत pH पिछले 26,000 वर्षों की तुलना में तेज़ी से गिर रहा है, जिससे अम्लता बढ़ रही है।

BBNJ संधि: अंतरराष्ट्रीय जलों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण

बायोडायवर्सिटी बियॉन्ड नेशनल जुरिस्डिक्शन (BBNJ) संधि, जिसे हाई सीज़ संधि भी कहा जाता है, संयुक्त राष्ट्र समुद्र कानून संधि (UNCLOS) के तहत तीसरा कार्यान्वयन समझौता है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय जलों में समुद्री जैवविविधता की रक्षा करना है।
इस संधि के अंतर्गत:

  • उच्च समुद्रों में समुद्री संरक्षित क्षेत्र (MPAs) स्थापित किए जा सकते हैं।
  • खतरनाक गतिविधियों जैसे गहरे समुद्र में खनन और भू-प्रौद्योगिकी पर नियम बनाए जाएंगे।
  • प्रौद्योगिकी साझाकरण, वित्तीय व्यवस्था और वैज्ञानिक सहयोग की रूपरेखा तय होगी।
  • निर्णय कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COPs) के माध्यम से बहुपक्षीय रूप से लिए जाएंगे।

महासागर स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति

  • 2023 और 2024 की गर्मियों में समुद्री हीटवेव दिन सामान्य से 3.5 गुना अधिक रहे।
  • महासागर 2015 की तुलना में अब औसतन 4% अधिक अम्लीय हो चुके हैं।
  • पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, महासागर की अम्लता जल्द ही सातवीं पारिस्थितिक सीमा पार कर सकती है।

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