यूक्रेन बना अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के रोम संविधि का 125वां सदस्य देश

17 जुलाई 2025 को हेग (नीदरलैंड्स) स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने एक ऐतिहासिक समारोह में यूक्रेन का स्वागत किया, जो अब रोम संविधि — इस न्यायालय की संस्थापक संधि — का 125वां सदस्य देश बन गया है। यह कदम वैश्विक न्याय, शांति और मानव अधिकारों के लिए यूक्रेन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

युद्धकाल में कानून के प्रति प्रतिबद्धता

यूक्रेन के नीदरलैंड्स में राजदूत, महामहिम श्री एंड्री कोस्टिन को समारोह के दौरान ICC की अध्यक्ष न्यायमूर्ति टोमाको अकाने ने रोम संविधि की विशेष प्रति भेंट की। इस अवसर पर ICC के न्यायाधीश, अभियोजन कार्यालय, रजिस्ट्री, पीड़ितों के लिए ट्रस्ट फंड और अन्य सदस्य देशों के राजनयिक उपस्थित रहे।
ICC अध्यक्ष ने कहा, “रोम संविधि से जुड़कर, यूक्रेन उन राष्ट्रों के समूह में शामिल हो गया है जो सबसे गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।” वहीं, ICC के सदस्य देशों की सभा (ASP) की अध्यक्ष पैवी काउकोरांटा ने इसे “विधि के शासन के प्रति यूक्रेन की साहसिक और सराहनीय प्रतिबद्धता” बताया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रोम संविधि: 17 जुलाई 1998 को अपनाई गई और 1 जुलाई 2002 को प्रभावी हुई।
  • ICC: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध, नरसंहार और आक्रामकता के अपराधों पर न्याय करने वाला स्थायी न्यायालय।
  • यूक्रेन ने 25 अक्टूबर 2024 को संविधि की पुष्टि की और यह 1 जनवरी 2025 से प्रभावी हुई।
  • यूक्रेन पूर्वी यूरोपीय समूह का 20वां और वैश्विक स्तर पर 125वां सदस्य बना।

यूक्रेन का संदेश: “कानून, न कि हिंसा, हो शासन का आधार”

राजदूत एंड्री कोस्टिन ने कहा, “आज हम ICC पर यूक्रेन का झंडा फहराते हैं — शांति, न्याय, गरिमा और स्वतंत्रता में विश्वास रखने वाले एक राष्ट्र का प्रतीक। यह उन लोगों का ध्वज भी है जिन्होंने अकल्पनीय कष्ट झेले हैं, पर कभी यह विश्वास नहीं छोड़ा कि कानून को ही हमारी साझा दुनिया पर शासन करना चाहिए।”

वैश्विक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह सदस्यता ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन युद्ध जैसी गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है। इसके बावजूद, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़ना दर्शाता है कि देश विधि के शासन में विश्वास रखता है और वैश्विक न्याय व्यवस्था को सशक्त करने में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
यूक्रेन की इस पहल से यह संदेश जाता है कि गंभीर परिस्थितियों में भी अगर कोई राष्ट्र कानून और न्याय को सर्वोपरि मानता है, तो वह न केवल अपने नागरिकों के लिए बल्कि पूरे विश्व समुदाय के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।

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