यूएई का नॉमिनेशन आधारित गोल्डन वीजा: भारतियों के लिए जीवनभर की स्थायी निवास योजना

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत और बांग्लादेश के नागरिकों के लिए एक नई नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा योजना का पायलट कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके अंतर्गत योग्य व्यक्ति अब आजीवन स्थायी निवास प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना पारंपरिक निवेश-आधारित वीजा प्रक्रिया से अलग है और विशेष रूप से उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जो किसी विशिष्ट योगदान की क्षमता रखते हैं।

क्या है गोल्डन वीजा?

गोल्डन वीजा एक विशेष प्रकार का दीर्घकालिक निवास वीजा है, जो आम तौर पर उन लोगों को दिया जाता है जो किसी देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा निवेश करते हैं। इसके अंतर्गत शिक्षा, नौकरी प्रस्ताव या प्रायोजक की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि बड़ी धनराशि के निवेश के माध्यम से वीजा प्राप्त किया जा सकता है। कुछ देशों में इसे ‘गोल्डन पासपोर्ट’ के रूप में भी जाना जाता है, जो सीधे नागरिकता प्रदान करता है।

यूएई का मौजूदा गोल्डन वीजा कार्यक्रम

यूएई के अनुसार, गोल्डन वीजा 5 से 10 वर्षों की अवधि के लिए दीर्घकालिक निवास की सुविधा देता है। यह मुख्य रूप से दो श्रेणियों को लक्षित करता है:

  • निवेशक और उद्यमी: रियल एस्टेट या व्यवसाय में कम से कम AED 2 मिलियन (लगभग ₹4.67 करोड़) का निवेश करने वाले लोग।
  • विशेष प्रतिभाएँ: डॉक्टर, वैज्ञानिक, कलाकार, खिलाड़ी, इंजीनियर, शोधकर्ता, और विशिष्ट छात्रों को शामिल किया जाता है।

नई नामांकन-आधारित योजना की विशेषताएँ

नई योजना के अंतर्गत, केवल AED 100,000 (लगभग ₹23.3 लाख) के भुगतान पर जीवनभर का गोल्डन वीजा मिल सकता है, जिसमें किसी संपत्ति या व्यवसाय में निवेश की अनिवार्यता नहीं है। यह योजना विशेष रूप से भारत और बांग्लादेश के नागरिकों के लिए शुरू की गई है और इसकी पायलट प्रक्रिया तीन महीने के लिए है।

  • आवेदन प्रक्रिया: आवेदक को दुबई जाने की आवश्यकता नहीं है। वह अपने देश से ही नामांकन की पूर्व-स्वीकृति ले सकता है।
  • पृष्ठभूमि जांच: Rayad Group द्वारा अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग और सोशल मीडिया की जांच की जाएगी।
  • लाभ: वीजा धारक अपने परिवार को साथ ला सकता है, नौकर या चालक रख सकता है, और किसी भी व्यवसाय या पेशेवर कार्य में संलग्न हो सकता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • यूएई का पारंपरिक गोल्डन वीजा 5-10 वर्ष की अवधि के लिए होता है; नई योजना में आजीवन निवास की सुविधा है।
  • Rayad Group को इस पायलट योजना की प्रबंधन जिम्मेदारी दी गई है।
  • भारत-यूएई के बीच 2022 में CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) पर हस्ताक्षर हुए थे।
  • दुनिया के कई देश जैसे पुर्तगाल, एंटीगुआ, आयरलैंड आदि ने भी गोल्डन वीजा/नागरिकता योजनाएँ आर्थिक लाभ के लिए अपनाई हैं।

संभावनाएँ और चिंताएँ

इस तरह की योजनाओं से जहाँ एक ओर निवेश और प्रतिभा प्रवाह को बढ़ावा मिलता है, वहीं यह मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और सुरक्षा जोखिमों को भी जन्म दे सकती हैं। यूरोपीय आयोग ने 2019 में ऐसी योजनाओं को लेकर चेतावनी दी थी। भारत के कुछ भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने भी इसी प्रकार की योजनाओं का लाभ उठाकर विदेशों में शरण ली है।
फिर भी, यूएई द्वारा भारत को इस नई योजना में प्राथमिकता देना दोनों देशों के बीच गहरे व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। यदि यह पायलट सफल रहता है, तो इसे चीन सहित अन्य CEPA देशों तक विस्तारित किया जा सकता है। यह योजना भारत के पेशेवर वर्ग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नया अवसर लेकर आई है।

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