मानसून सत्र 2025: संसद में 8 नए विधेयक, विदेशी नीति से लेकर मणिपुर तक होंगे प्रमुख मुद्दे

21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में सरकार ने आठ नए विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है। वहीं, विपक्षी दलों का INDIA गठबंधन सरकार से चीन नीति, ऑपरेशन सिंदूर, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और मणिपुर पर राष्ट्रपति शासन जैसे मुद्दों पर जवाब मांगने की तैयारी में है। यह सत्र रणनीतिक, राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पेश किए जाने वाले नए विधेयक
सरकार द्वारा सूचीबद्ध नए विधेयकों में शामिल हैं:
- जन विश्वास (संशोधन) विधेयक: व्यापार सुगमता और जीवन सुगमता को बढ़ावा देने हेतु कानूनी प्रावधानों में सुधार।
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक: अप्रकाशित कर मामलों में बदलाव।
- खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक: वैज्ञानिक खनन, गहरे खनिजों की खोज और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास की भूमिका बढ़ाने के लिए।
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक: IIM गुवाहाटी को अधिनियम की अनुसूची में शामिल करना।
- भू-धरोहर स्थल और भू-अवशेष संरक्षण विधेयक: राष्ट्रीय महत्व की भूवैज्ञानिक स्थलों की सुरक्षा और अध्ययन।
- राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक: खेल संघों के प्रशासनिक मानक और विवाद समाधान तंत्र की स्थापना।
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक: खेलों में निष्पक्षता के लिए डोपिंग नियंत्रण तंत्र को सशक्त बनाना।
लंबित विधेयक और अन्य कार्यसूची
- इनकम टैक्स विधेयक: बजट सत्र के दौरान सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया, अब चर्चा के लिए प्रस्तुत।
- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का विस्तार: संसद की स्वीकृति के लिए प्रस्तावित।
- शिपिंग और बंदरगाह से संबंधित विधेयक: बिल ऑफ लाडिंग, समुद्री माल ढुलाई, तटीय शिपिंग, मर्चेंट शिपिंग और भारतीय बंदरगाह विधेयक।
विपक्ष के एजेंडे
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चेयरमैन जगदीप धनखड़ से भेंट कर कहा कि विपक्ष रचनात्मक चर्चा चाहता है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर बहस हो। विपक्ष की प्रमुख मांगें:
- ऑपरेशन सिंदूर पर स्पष्टीकरण
- चीन के साथ संबंधों पर नीति बयान
- भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की जानकारी
- डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाक तनाव पर की गई टिप्पणियों की समीक्षा
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- मानसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू।
- जन विश्वास विधेयक: दर्जनों केंद्रीय कानूनों में दंडात्मक प्रावधानों को कम करने के लिए लाया गया है।
- IBC संशोधन विधेयक: फिलहाल संसदीय वित्त समिति की समीक्षा में, जुलाई 29 को RBI की प्रस्तुति प्रस्तावित।
- ZSI की रिपोर्ट, 2024: 683 नई प्रजातियाँ दर्ज — जैव विविधता से जुड़ी चर्चाओं की संभावना।
मानसून सत्र का यह संस्करण केवल विधायी एजेंडे तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह राजनीतिक और रणनीतिक मुद्दों को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच गंभीर बहस का मंच भी बनेगा। अब देखना यह है कि यह सत्र कितना प्रभावी और सार्थक साबित होता है।