मलेरिया के खिलाफ भारत का नया हथियार: ICMR ने विकसित किया ‘AdFalciVax’ वैक्सीन

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मलेरिया के खिलाफ एक नये संभावित टीके ‘AdFalciVax’ की घोषणा की है, जो अब निजी कंपनियों के साथ साझेदारी में विकसित, परीक्षण और व्यावसायिक रूप से उत्पादित किया जाएगा। यह वैक्सीन मुख्यतः Plasmodium falciparum पर आधारित है — जो मलेरिया के सबसे आम और घातक स्वरूप का प्रमुख कारण है।

मलेरिया: एक घातक परजीवी रोग

मलेरिया मच्छरों के माध्यम से फैलने वाला एक परजीवी संक्रमण है, जो बुखार, कंपकंपी, रात में पसीना, मतली, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। कई मामलों में यह मस्तिष्क संबंधी दौरे, फेफड़ों में तरल जमाव, अंग क्षति और मृत्यु का कारण भी बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग चार लाख लोगों की जान यह रोग लेता है, विशेष रूप से अफ्रीका के देशों में।
भारत में भी मलेरिया की उपस्थिति है, हालांकि पिछले वर्षों में मौतों की संख्या में तेज गिरावट आई है। NVBDCP के आंकड़ों के अनुसार, 1995 में मलेरिया से 1,151 मौतें हुई थीं, जो 2022 में घटकर केवल 83 रह गईं। हालांकि WHO के अनुमान इस आंकड़े से अधिक होते हैं, क्योंकि वे केवल आधिकारिक रिपोर्ट नहीं, बल्कि अनुमानित मौतों को भी शामिल करते हैं।

AdFalciVax: यह कैसे काम करता है?

AdFalciVax एक काइमेरिक रिकॉम्बिनेंट वैक्सीन है, जो परजीवी के विभिन्न जीन भागों से लक्ष्य प्रोटीन बनाकर प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है। इसमें दो प्रमुख लक्ष्य प्रोटीन उपयोग किए गए हैं:

  • CSP (Circumsporozoite Protein): यह टीका शरीर को संक्रमित करने की शुरुआती अवस्था (स्पोरोज़ोइट और यकृत चरण) में ही संक्रमण रोकने में मदद करता है।
  • Pro6C Protein: यह Plasmodium falciparum के दो प्रोटीन (Pfs230 और Pfs48/45) का संयोजन है, जो मच्छर की आंत में परजीवी के जीवनचक्र को रोककर समुदाय स्तर पर संक्रमण के प्रसार को रोकता है।

AdFalciVax की प्रमुख खूबियाँ

  • यह अन्य मलेरिया टीकों (RTS,S और R21) की तुलना में पूरा CSP प्रोटीन उपयोग करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अधिक मजबूत होती है।
  • पशु परीक्षणों में यह टीका 90% से अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।
  • इसमें alum नामक एडजुवेंट उपयोग किया गया है, जो न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसे ठंडे तापमान के बिना भी नौ महीने तक रखा जा सकता है — जिससे परिवहन आसान हो सकता है।
  • प्रारंभिक संकेतों के अनुसार, इसकी तीन खुराक से तीन महीने से अधिक तक सुरक्षा मिल सकती है, जो मानव जीवन में लगभग एक दशक के बराबर होती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • मलेरिया मुख्यतः Plasmodium falciparum और Plasmodium vivax परजीवियों से होता है; भारत में vivax प्रमुख कारण है।
  • RTS,S और R21 — मलेरिया के पहले दो टीके — केवल CSP प्रोटीन पर आधारित हैं और लगभग 75% प्रभावी हैं।
  • AdFalciVax वैक्सीन भारत में विकसित पहला ऐसा टीका है, जो संक्रमण को व्यक्ति और समुदाय दोनों स्तर पर रोकने में सक्षम है।
  • ICMR इस वैक्सीन के बौद्धिक संपदा अधिकार अपने पास रखेगा और निजी कंपनियों से 2% रॉयल्टी प्राप्त करेगा।

ICMR का यह कदम मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ भारत की एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इंसानों पर परीक्षण अभी शेष हैं, फिर भी यह पहल भविष्य में न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए मलेरिया पर निर्णायक प्रहार साबित हो सकती है।

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