मध्यप्रदेश में ‘मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना’ का शुभारंभ: आदर्श गांवों की परिकल्पना को मिलेगी साकार रूप

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ‘मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना’ को मंजूरी दी है। यह योजना आत्मनिर्भर और पर्यावरण-संवेदनशील गांवों के विकास के लिए तैयार की गई है, जो राज्य में समग्र ग्रामीण बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक गांव, जिसकी जनसंख्या कम से कम 2,000 हो और 500 से अधिक गौवंश हों, को चयनित किया जाएगा।
- चयनित गांवों को ‘वृंदावन ग्राम’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ गौ-पालन, जैविक खेती, सौर ऊर्जा, जल संरक्षण, हरियाली, आध्यात्मिकता और ग्रामीण उद्यमिता को समेकित किया जाएगा।
मुख्य विकास घटक
सरकार ने छह प्रमुख श्रेणियों में सुविधाएँ विकसित करने का लक्ष्य रखा है:
- गौशालाएँ, गौ-स्मारक, पशु चिकित्सालय
- विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, पुस्तकालय
- सौर ऊर्जा आधारित जल आपूर्ति प्रणाली, सौर स्ट्रीट लाइटिंग, जैव गैस संयंत्र
- पार्क, शौचालय, अंत्येष्टि स्थल (शांतिधाम) और आंतरिक सड़कें
- दूध संग्रह केंद्र, लघु वन-उत्पाद आधारित उद्योग, कला एवं कौशल विकास केंद्र
- ई-पंचायत सेवाएँ, भू-अभिलेखों का अद्यतन, 100% e-KYC
पर्यावरण और आजीविका पर विशेष ध्यान
- वर्षा जल संचयन, कुओं का पुनर्भरण, तालाबों का संरक्षण किया जाएगा।
- प्राकृतिक खेती, धार्मिक स्थलों का संरक्षण, और ग्रामीण पर्यटन (होमस्टे आधारित) को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- साफ-सफाई, पोषण और स्थानिक योजना (स्पेशियल प्लानिंग) भी योजना का अंग होंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- योजना को मध्यप्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में लागू किया जाएगा।
- यह योजना सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ समन्वित होगी।
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में स्वीकृत इस योजना का उद्देश्य आदर्श, आत्मनिर्भर और टिकाऊ ग्रामीण मॉडल बनाना है।
अन्य महत्त्वपूर्ण कैबिनेट निर्णय
- ₹4,572 करोड़ की स्वीकृति – 2025–30 के बीच 1,766 क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण के लिए।
- राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का परिसर – भोपाल में स्थापित होगा; तीन वर्षों तक ₹1.05 करोड़ वार्षिक सहायता।
- पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के 108 छात्रावासों में मेस सेवा आरंभ; ₹31 करोड़ स्वीकृत।
- 1,266 नए पद सृजित – फॉरेंसिक और कानूनी सहायता हेतु; मध्यप्रदेश पहला राज्य जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत यह प्रावधान लागू कर रहा है।
- मऊगंज, मैहर, पांढुर्णा – नवगठित जिलों में अनुसूचित जाति-जनजाति समन्वयक कार्यालय की स्थापना।
मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल राज्य को न केवल ग्रामीण विकास की दिशा में अग्रणी बनाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को धरातल पर साकार करने में भी मील का पत्थर साबित होगी।