भारत 2030 तक 70% ‘राउंड-द-क्लॉक’ स्वच्छ बिजली उपलब्ध करा सकता है: TransitionZero रिपोर्ट

भारत 2030 तक अपने वाणिज्यिक और औद्योगिक (C&I) उपभोक्ताओं को 70% ‘राउंड-द-क्लॉक’ (RTC) स्वच्छ बिजली उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकता है — और वह भी पारंपरिक वार्षिक स्वच्छ ऊर्जा खरीद की तुलना में कम लागत पर। यह निष्कर्ष एक वैश्विक जलवायु विश्लेषण संस्था TransitionZero की नवीनतम रिपोर्ट में सामने आया है, जो भारत की ऊर्जा नीति और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के प्रयासों के लिए अहम दिशा दिखाता है।

RTC बिजली बनाम वार्षिक ऊर्जा मिलान

RTC स्वच्छ बिजली हर घंटे की खपत को शून्य-कार्बन स्रोतों (जैसे सौर, पवन, बैटरी भंडारण) से मेल करती है, जबकि पारंपरिक मॉडल वार्षिक औसत खपत के आधार पर क्रेडिट देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 70% RTC मिलान पर भारत 52 GW क्षमता स्थापित कर सकता है, जिससे अनुमानित ₹9,000 करोड़ की वार्षिक बचत हो सकती है और राष्ट्रीय मांग का 5% स्वच्छ ऊर्जा से पूरा किया जा सकता है।

कम लागत में अधिक उत्सर्जन कटौती

TransitionZero के विश्लेषण में यह पाया गया कि 70% RTC मॉडल से उत्सर्जन में 2.4% की कटौती संभव है, जो वार्षिक मिलान की तुलना में दोगुनी है। अगर यह मिलान 100% हो, तो कटौती 7% तक पहुंच सकती है। इसके अलावा, RTC मॉडल से कार्बन कम करने की लागत वार्षिक मिलान की तुलना में लगभग तीन गुना सस्ती है।

महाराष्ट्र को विशेष लाभ

भारत के सबसे बड़े डेटा सेंटर क्लस्टर वाले राज्य महाराष्ट्र के लिए यह बदलाव विशेष रूप से लाभकारी है। महाराष्ट्र की ऊर्जा मांग तेजी से बढ़ रही है, विशेषकर डिजिटल अवसंरचना के चलते। RTC मॉडल राज्य को न केवल उत्सर्जन में कटौती, बल्कि जलवायु जोखिम से सुरक्षा भी प्रदान करता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • RTC स्वच्छ ऊर्जा का अर्थ है हर घंटे की बिजली खपत को शुद्ध ऊर्जा स्रोतों से मेल कराना, न कि केवल वार्षिक औसत के आधार पर।
  • भारत का लक्ष्य है 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता स्थापित करना।
  • RTC मॉडल के तहत हर 1 MW सौर क्षमता के लिए लगभग 2 MWh बैटरी भंडारण की आवश्यकता होती है।
  • Greenhouse Gas Protocol (GHGP) अब Scope 2 रिपोर्टिंग में ‘घंटेवार उत्सर्जन मिलान’ को अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है।

TransitionZero ने नीति निर्माताओं से आग्रह किया है कि वे RTC ऊर्जा के लिए स्पष्ट नियम बनाएँ और ऐसे बाज़ार तंत्र विकसित करें जो वास्तविक समय में स्वच्छ ऊर्जा की खरीद को प्रोत्साहित करें। इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि RTC स्वच्छ बिजली भारत की ऊर्जा प्रणाली के लिए एक ‘नो रिग्रेट्स’ विकल्प है — यानि ऐसा विकल्प जो लागत, पर्यावरण और दीर्घकालिक स्थिरता तीनों दृष्टियों से लाभकारी है।
जैसे-जैसे भारत ऊर्जा संक्रमण की ओर बढ़ रहा है, यह रिपोर्ट दिखाती है कि RTC स्वच्छ बिजली केवल आवश्यक नहीं बल्कि व्यवहार्य, किफायती और भविष्य के लिए तैयार समाधान है।

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