भारत सरकार की ई-ट्रक प्रोत्साहन योजना: स्वच्छ मालवहन की दिशा में एक निर्णायक कदम

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी नेतृत्व में और केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री श्री एच. डी. कुमारस्वामी के मार्गदर्शन में भारत सरकार ने ‘पीएम ई-ड्राइव’ (PM E-DRIVE) पहल के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है। यह पहली बार है जब भारत सरकार ने भारी मालवहन वाहनों (e-trucks) के लिए प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की है, जो देश को स्वच्छ, कुशल और टिकाऊ लॉजिस्टिक्स प्रणाली की ओर ले जाने वाला एक ऐतिहासिक कदम है।
योजना के मुख्य बिंदु
इस योजना के तहत वित्तीय प्रोत्साहन N2 और N3 श्रेणी के इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रदान किए जाएंगे:
- N2 श्रेणी: जिनकी कुल वाहन भार (GVW) 3.5 टन से 12 टन तक है।
- N3 श्रेणी: जिनकी GVW 12 टन से 55 टन तक है।
आर्टिकुलेटेड वाहनों के मामले में प्रोत्साहन केवल N3 श्रेणी के पुलर ट्रैक्टर को दिया जाएगा।
वारंटी और प्रोत्साहन राशि
- बैटरी के लिए: 5 वर्ष या 5 लाख किमी (जो पहले हो) तक की वारंटी।
- वाहन और मोटर के लिए: 5 वर्ष या 2.5 लाख किमी (जो पहले हो) तक की वारंटी।
प्रोत्साहन राशि ट्रक के वजन के अनुसार होगी, जिसकी अधिकतम सीमा ₹9.6 लाख प्रति वाहन निर्धारित की गई है। यह राशि खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में मिलेगी और PM E-DRIVE पोर्टल के माध्यम से निर्माताओं को प्रतिपूर्ति की जाएगी।
प्रमुख लाभ और लक्षित क्षेत्र
- योजना के अंतर्गत देशभर में लगभग 5,600 ई-ट्रकों को समर्थन मिलेगा।
- दिल्ली में वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए 1,100 ई-ट्रकों के लिए ₹100 करोड़ का अलग प्रावधान किया गया है।
- सीमेंट, इस्पात, बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- पीएम ई-ड्राइव (PM E-DRIVE): भारत सरकार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोत्साहन योजना।
- N2 और N3 श्रेणियाँ: केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के तहत भारी मालवहन वाहनों की वर्गीकरण।
- SAIL: इस्पात प्राधिकरण ने 150 ई-ट्रकों की खरीद का संकल्प लिया है, जिससे CPSE की अग्रणी भूमिका दर्शाई गई है।
- OEMs: टाटा मोटर्स, वोल्वो-आईशर और अशोक लेलैंड जैसे निर्माता पहले ही भारत में ई-ट्रक निर्माण में संलग्न हैं।
आत्मनिर्भर भारत और हरित भविष्य की दिशा में कदम
इस योजना से पुराने डीज़ल ट्रकों की स्क्रैपिंग अनिवार्य की गई है, जिससे न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि मालवहन बेड़े का आधुनिकीकरण भी होगा। यह योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘नेट ज़ीरो 2070’ लक्ष्यों के साथ पूर्णतः संगत है।
ई-ट्रकों के लिए वित्तीय सहायता भारत की परिवहन व्यवस्था को नई दिशा देने वाली है — कम लागत, अधिक दक्षता और स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ते हुए यह पहल भारत को एक हरित और टिकाऊ भविष्य की ओर अग्रसर करती है।