भारत में कौशल विकास को नई दिशा: 1,000 आईटीआई अपग्रेड और 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की योजना

भारत में कौशल विकास को नई दिशा: 1,000 आईटीआई अपग्रेड और 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की योजना

भारत सरकार ने देश के कौशल विकास ढांचे को आधुनिक और उद्योगोन्मुखी बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत की है। इसके तहत 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) का आधुनिकीकरण और पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence – CoEs) की स्थापना की जाएगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक राष्ट्रीय संचालन समिति (National Steering Committee – NSC) का गठन किया गया है।

नई समिति और उसकी भूमिका

7 जुलाई को गठित NSC का नेतृत्व कौशल विकास मंत्रालय के सचिव राजित पुनहानी कर रहे हैं। इसमें शिक्षा, भारी उद्योग, श्रम और वाणिज्य मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ बजाज ऑटो, ITC, HAL, हीरो मोटोकॉर्प जैसे निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ और राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
समिति की प्रमुख भूमिकाएँ होंगी:

  • नई योजना के दिशा-निर्देश और नीति रूपरेखा तैयार करना
  • राज्यों से आईटीआई की पहचान और प्रस्तावों की समीक्षा करना
  • योजनाओं के वित्तीय घटकों का पुनः आवंटन करना
  • उद्योग की सहायता से पाठ्यक्रम, प्रमाणन और प्रशिक्षण मानकों को उद्योग केंद्रित बनाना
  • राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (NSTIs) के उन्नयन की निगरानी करना

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • योजना का कुल बजट: ₹60,000 करोड़ (केंद्र ₹30,000 करोड़, राज्य ₹20,000 करोड़, उद्योग CSR के तहत शेष योगदान देगा)
  • योजना की अवधि: 5 वर्ष (2024-2029)
  • लक्ष्य: 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना
  • 5 CoEs की स्थापना: भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर, और लुधियाना स्थित NSTIs में
  • भारत में कुल NSTI: 33 (पहली NSTI 1963 में स्थापित)

क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?

कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी ने स्पष्ट किया कि यह पहल केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है। “अब उद्योग पाठ्यक्रम, प्रमाणन और प्रशिक्षण मानकों को तय करेगा — तभी हम योग्य और रोजगारपरक युवा तैयार कर पाएंगे।”
विशेष रूप से निर्माण क्षेत्र (manufacturing) पर ध्यान देने के साथ यह योजना भारत के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। हब और स्पोक मॉडल के तहत ITIs को प्रमुख संस्थानों से जोड़ा जाएगा, जिससे उद्योग की ज़रूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण संभव होगा।

निष्कर्ष

यह पहल भारत को कौशल आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। उद्योगों की सक्रिय भागीदारी, राज्य सरकारों की भूमिका और केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली के माध्यम से यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार दिलाने में सहायक होगी, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों को भी सशक्त बनाएगी। यह भारत के शिक्षा और कौशल क्षेत्र में एक नये युग की शुरुआत है।

Originally written on July 21, 2025 and last modified on July 21, 2025.

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