भारत में कोरोना का नया रूप: XFG वेरिएंट की पहचान

भारत में कोविड-19 संक्रमणों में हालिया वृद्धि के बीच, SARS-CoV-2 वायरस का एक नया रूप — XFG वेरिएंट — सामने आया है। अब तक देश में इस वेरिएंट के 163 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें सबसे अधिक 89 मामले महाराष्ट्र से हैं। हालांकि अभी तक यह वेरिएंट ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित नहीं किया गया है, लेकिन इसकी प्रकृति और प्रसार को लेकर विशेषज्ञ सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
XFG वेरिएंट: क्या है यह नया स्वरूप?
XFG वेरिएंट SARS-CoV-2 वायरस के ओमिक्रॉन उप-संस्करण का एक पुनर्संयोजक (recombinant) रूप है, जो LF.7 और LP.8.1.2 जैसे दो वेरिएंट्स के आपसी मेल से उत्पन्न हुआ है। जब कोई व्यक्ति एक साथ दो भिन्न वेरिएंट्स से संक्रमित होता है, तब उनके आनुवंशिक कोड में ‘मिक्स एंड मैच’ होकर नया रूप बन सकता है — जिसे पुनर्संयोजन कहते हैं।
लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, XFG वेरिएंट में चार महत्वपूर्ण स्पाइक म्यूटेशन पाए गए हैं और इसकी वैश्विक प्रसार दर काफी तेज है। यह वेरिएंट विशेष रूप से ‘इम्यून एवेज़न’ यानी प्रतिरक्षा प्रणाली से बच निकलने की मजबूत क्षमता रखता है।
भारत में स्थिति और लक्षण
INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) के अनुसार, मई महीने में XFG वेरिएंट के 159 नमूनों की पहचान हुई, जबकि अप्रैल और जून में दो-दो मामले सामने आए हैं। वर्तमान में यह वेरिएंट महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में पाया गया है।
इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में हल्के ऊपरी श्वसन लक्षण देखे जा रहे हैं, विशेषकर उन लोगों में जिन्होंने टीकाकरण कराया है या पूर्व में कोविड संक्रमण झेला है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- XFG वेरिएंट एक पुनर्संयोजक वेरिएंट है, जो दो ओमिक्रॉन उप-संस्करणों के मेल से बना है।
- भारत में अब तक इसके 163 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से हैं।
- WHO ने XFG को अभी तक वेरिएंट ऑफ कंसर्न या वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित नहीं किया है।
- ICMR के अनुसार, भारत में वर्तमान में 66% श्वसन वायरस संक्रमण कोविड से संबंधित हैं।
- अब तक देश में 65 कोविड से संबंधित मौतें इस वर्ष रिपोर्ट की गई हैं।
केंद्र सरकार की तैयारियाँ
केरल, गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्यों में मामलों में वृद्धि के चलते केंद्र सरकार ने स्थिति की समीक्षा के लिए कई बैठकें की हैं। देशभर में ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी राज्यों को ‘मॉक ड्रिल्स’ आयोजित करने, SARI (Severe Acute Respiratory Illness) और ILI (Influenza Like Illness) मामलों पर नजर रखने और जीनोम अनुक्रमण के लिए सैंपल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में भर्ती SARI मरीजों का अनिवार्य परीक्षण और ILI के 5% मामलों का नमूना परीक्षण अनिवार्य किया गया है।