भारत बना दुनिया का 5वां सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश
25 जून, 2021 को भारत 608.99 अरब $ के साथ दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश बन गया था। इस पर 20वीं लोकसभा में राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी द्वारा उल्लेख किया गया है।
मुख्य बिंदु
- भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार सक्रिय रूप से देश की बाहरी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और तदनुसार विभिन्न नीतियों और विनियमों को ठीक कर रहे हैं ताकि भारत के मजबूत व्यापक आर्थिक विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
- भारत का भुगतान संतुलन (balance of payments) वर्ष 2020-21 में पूंजी और चालू खातों दोनों में अधिशेष हो गया है, जिसने बड़े पैमाने पर देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लाभ में योगदान दिया।
- भारत का वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार अप्रत्याशित बाहरी झटकों के खिलाफ एक बफर प्रदान करने और 18 महीने से अधिक के लिए आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
- भारतीय रिजर्व बैंक नियमित रूप से विदेशी मुद्रा स्वैप और रेपो बाजारों में परिचालन बढ़ाकर, नए बाजारों या उत्पादों की खोज और सोने की खरीद करके देश के मुद्रा भंडार में विविधता लाने के लिए विभिन्न उपाय करता है। यह सब तरलता और सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए किया जाता है।
विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार ऐसी संपत्तियां हैं जो किसी देश के केंद्रीय बैंक के पास होती हैं और इसमें मुख्य रूप से बांड, विदेशी मुद्राएं, सोना, बैंक जमा, वित्तीय संपत्ति और विशेष आहरण अधिकार शामिल होते हैं।