भारत को मिला दूसरा GE-F404 इंजन, तेजस Mk-1A लड़ाकू विमान निर्माण को मिलेगी रफ्तार

भारत ने 15 जुलाई 2025 को अमेरिका से दूसरा GE-F404 इंजन प्राप्त किया है, जो कि देश के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk-1A कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंपा गया है और उम्मीद है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक HAL को ऐसे 12 और इंजन मिल जाएंगे।
तेजस Mk-1A, भारतीय वायु सेना के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाकू विमान परियोजना है, जिसकी समयबद्ध डिलीवरी, वायु सेना की कमजोर होती स्क्वाड्रन शक्ति को मजबूत करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। पहला GE-F404 इंजन इस वर्ष मार्च में भारत आया था और दूसरा जुलाई में प्राप्त हुआ है।
तेजस Mk-1A और GE-F404 इंजन की भूमिका
तेजस Mk-1A विमान में कई उन्नत क्षमताएं शामिल हैं, जैसे AESA रडार, अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, जैमर और BVR (बियॉन्ड विज़ुअल रेंज) मिसाइल क्षमताएं। इन विमानों में अमेरिका से आयातित GE-F404 इंजन लगाए जा रहे हैं जो तेजस की उड़ान क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
HAL ने अगस्त 2021 में GE Aerospace के साथ ₹5,375 करोड़ का अनुबंध किया था, जिसके तहत 99 इंजन प्राप्त किए जाने हैं। कोविड-19 और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों के चलते इंजन की आपूर्ति में देरी हुई, जिसके चलते तेजस Mk-1A विमानों की डिलीवरी भी एक साल से अधिक पीछे हो गई।
उत्पादन और डिलीवरी की स्थिति
भारतीय वायु सेना ने 83 तेजस Mk-1A विमानों का ऑर्डर दिया है, और रक्षा मंत्रालय से 97 और विमान खरीदने का प्रस्ताव स्वीकृति के अंतिम चरण में है। HAL ने घोषणा की है कि वह इस वर्ष दिसंबर तक 12 तेजस Mk-1A विमान तैयार कर लेगी, जिनमें से 6 पहले से निर्माणाधीन हैं। अगले वर्ष 16 और विमानों के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, बशर्ते इंजन समय पर मिलते रहें।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- HAL ने 2021 में GE Aerospace के साथ 99 GE-F404 इंजन के लिए ₹5,375 करोड़ का समझौता किया था।
- तेजस Mk-1A में भारतीय ASTRA और इज़राइली Derby मिसाइलें शामिल की जा रही हैं।
- भारतीय वायु सेना 2030 तक कुल 180 तेजस Mk-1A विमान प्राप्त करना चाहती है।
- तेजस Mk-1A की डिलीवरी 2024 में शुरू होनी थी, लेकिन GE द्वारा इंजन की देरी के चलते यह 2025 में शुरू हो रही है।
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिससे स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को मजबूती मिलेगी। आने वाले वर्षों में, यदि इंजन आपूर्ति नियमित रूप से होती रही, तो HAL तेजस Mk-1A की डिलीवरी निर्धारित समय में पूरी कर सकेगा, जिससे वायु सेना की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।