भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच सहयोग के नए युग की शुरुआत

भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी समकक्ष कमला प्रसाद-बिसेसर के बीच व्यापक वार्ता के बाद छह महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इन समझौतों के माध्यम से दोनों देशों ने अवसंरचना, दवा उद्योग, संस्कृति, खेल, और डिजिटल तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा देने की प्रतिबद्धता जताई है।
रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल त्रिनिदाद एवं टोबैगो के साथ भारत के संबंधों को मजबूती देने का प्रतीक बनी, बल्कि यह इस कैरिबियाई देश की 1999 के बाद पहली द्विपक्षीय यात्रा भी रही। इस दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI), क्षमता निर्माण और जन-संपर्क बढ़ाने के विषयों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ साझा संघर्ष में त्रिनिदाद एवं टोबैगो के समर्थन की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देश इस दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारतीय मूल के लोगों के साथ जुड़ाव
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो के राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से भी मुलाकात की और उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त करने पर बधाई दी। उन्होंने भारतीय मूल के लोगों की इस देश के विकास में भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे राजनीति से लेकर साहित्य, क्रिकेट से लेकर वाणिज्य तक हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं। मोदी ने पार्लियामेंट को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच क्रिकेट प्रेम को भी भावनात्मक रूप से जोड़ा।
वैश्विक दक्षिण और CARICOM के साथ सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री बिसेसर ने वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों के बीच एकजुटता बढ़ाने और भारत-CARICOM साझेदारी को मजबूत करने पर भी सहमति जताई। CARICOM कैरिबियाई क्षेत्र के 15 देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है, जो आर्थिक एकीकरण और सहयोग को बढ़ावा देने का कार्य करता है। नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और साइबर सुरक्षा जैसे समसामयिक मुद्दों पर भी सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो ने 31 अगस्त 1962 को राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
- त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय मूल के लोग आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं, जिनके पूर्वज 19वीं सदी में मजदूर के रूप में वहाँ पहुँचे थे।
- CARICOM की स्थापना 1973 में हुई थी और यह कैरिबियाई क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है।
- प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा त्रिनिदाद एवं टोबैगो की संसद को संबोधित करने वाले किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा रही।
प्रधानमंत्री मोदी की इस ऐतिहासिक यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों में नई ऊर्जा का संचार किया है। यह यात्रा केवल कूटनीतिक औपचारिकता नहीं रही, बल्कि संस्कृति, जनसंपर्क और रणनीतिक हितों के स्तर पर भी गहरा प्रभाव छोड़ गई। यह कहा जा सकता है कि भारत और त्रिनिदाद एवं टोबैगो के रिश्ते अब केवल अतीत की विरासत पर आधारित नहीं रह गए, बल्कि एक साझा भविष्य की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा चुके हैं।