भारत-ऑस्ट्रिया सड़क अधोसंरचना के लिए सहयोग करेंगे
हाल ही में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में प्रौद्योगिकी सहयोग पर भारत और ऑस्ट्रिया ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते के द्वारा सड़क परिवहन, सड़क / राजमार्ग बुनियादी ढांचे के विकास, प्रबंधन और प्रशासन, सड़क सुरक्षा और बेहतर परिवहन प्रणालियों के क्षेत्र में एक ढांचा तैयार किया जायेगा।
ऑस्ट्रिया ही क्यों?
ऑस्ट्रिया के पास राजमार्गों और सड़कों के लिए नवीनतम तकनीकें हैं जैसे कि इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम, यातायात प्रबंधन प्रणाली, भूस्खलन सुरक्षा उपाय और सुरंग निगरानी प्रणाली इत्यादि। इसलिए ऑस्ट्रिया के साथ समझौते करने से भारत को ऑस्ट्रिया की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
भारत-ऑस्ट्रिया सम्बन्ध
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच सम्बन्ध काफी मैत्रीपूर्ण हैं। दोनों देशों के बीच संबंध 1949 में स्थापित हुए थे।
भारत के लिए ऑस्ट्रिया महत्वपूर्ण क्यों है?
यूरोप के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिए ऑस्ट्रिया भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। ऑस्ट्रिया मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। भारत-ऑस्ट्रियाई संयुक्त आर्थिक आयोग की स्थापना 1983 में की गयी थी। इसके बाद, भारत और ऑस्ट्रिया ने मिलकर कई कार्य किये और को जॉइंट वेंचर स्थापित किये गये।
भारत-ऑस्ट्रिया द्विपक्षीय व्यापार
वर्ष 2018 में भारत और ऑस्ट्रिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.869 बिलियन यूरो था। यह पिछले वर्ष की तुलना में 18.35% अधिक है। भारत ऑस्ट्रिया को कपड़े, जूते, वस्त्र, वाहन, विद्युत मशीनरी, रेलवे भागों और यांत्रिक उपकरण का निर्यात करता हैं। जबकि भारत ऑस्ट्रिया से मशीनरी, रेलवे उपकरण, यांत्रिक उपकरण, लोहा और इस्पात का आयात करता है।
भारत-ऑस्ट्रिया अंतरिक्ष संबंध
भारत के PSLV-C20 द्वारा ने ऑस्ट्रिया के पहले दो उपग्रहों UniBRITE और TUGSAT-1 / BRITE को लांच किया था। इन उपग्रहों को 2013 में लॉन्च किया गया था।
ऑस्ट्रिया में भारतीय प्रवासी
ऑस्ट्रिया में 31,000 से अधिक भारतीय रहते हैं। उनमें से अधिकांश केरल और पंजाब से हैं।