भारतीय पत्रकारों और मंत्रियों की जासूसी के लिए पेगासस (Pegasus) स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया 

भारतीय पत्रकारों और मंत्रियों की जासूसी के लिए पेगासस (Pegasus) स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया 

भारत के मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और वैज्ञानिकों पर निगरानी रखने के लिए पेगासस (Pegasus) स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया है।

मुख्य बिंदु

  • निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की एक लीक की गयी सूची में लगभग 40 भारतीय पत्रकारों के फोन नंबर पाए गए।इस सूची में किए गए फोरेंसिक परीक्षणों ने पुष्टि की है कि एक अज्ञात एजेंसी ने पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके उनमें से कुछ की सफलतापूर्वक जासूसी की है।
  • लीक हुई लोगों की सूची में भारतीय मंत्री, विपक्षी नेता, सरकारी अधिकारी और व्यवसायी भी शामिल हैं।
  • लीक हुए डेटाबेस में दुनिया भर के करीब 50,000 फोन नंबर हैं। इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके जिन अन्य लोगों को टारगेट किए जाने का संदेह है, उनके नाम बाद में प्रकट किए जाएंगे।
  • सबसे अधिक संख्या वाले 10 देशों में भारत शामिल है और 15,000 नंबर के साथ मेक्सिको इस सूची में शीर्ष पर है।संख्या का एक बड़ा हिस्सा पश्चिम एशियाई देशों जैसे बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से भी था, पाकिस्तान, हंगरी और फ्रांस सूची में अन्य प्रमुख देश थे।

पेगासस (Pegasus)

NSO Group नामक इजरायली कंपनी, दुनिया भर की सरकारों को पेगासस नाम का स्पाइवेयर बेचती है। इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल iOS और एंड्रॉइड सिस्टम पर चलने वाले फोन की जासूसी करने के लिए किया जा सकता है। वाशिंगटन पोस्ट और द गार्जियन सहित सत्रह अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों ने इस जांच का नेतृत्व किया है कि कैसे पेगासस का इस्तेमाल राजनेताओं, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं आदि के फोन से कथित रूप से जानकारी और संदेश निकालने के लिए किया गया था।

Originally written on July 19, 2021 and last modified on July 19, 2021.

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