ब्राज़ील ने दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर गाज़ा में इज़रायल के खिलाफ ‘नरसंहार’ केस में ICJ में शामिल होने की घोषणा की

ब्राज़ील ने बुधवार, 23 जुलाई को घोषणा की कि वह अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में गाज़ा में इज़रायल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका द्वारा दायर ‘नरसंहार’ मामले में हस्तक्षेप करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है। यह कदम वैश्विक स्तर पर इज़रायल की नीतियों के खिलाफ बढ़ते दबाव और अमेरिका व अन्य पश्चिमी देशों के समर्थन के बीच गैर-पश्चिमी देशों के सक्रिय भूमिका निभाने का संकेत है।
मामला क्या है?
दक्षिण अफ्रीका ने 2023 में ICJ में मामला दर्ज कर इज़रायल पर 1948 के जनसंहार कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इसमें दावा किया गया कि इज़रायल की कार्रवाई केवल हमास पर नहीं, बल्कि आम नागरिकों — स्कूलों, अस्पतालों, शिविरों और शरणस्थलों — पर हमलों के रूप में व्यापक रूप से फैली हुई है।
ब्राज़ील के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इज़रायल ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है, जिसमें “बलपूर्वक क्षेत्रीय कब्जा” शामिल है। ब्राज़ील ने गाज़ा और वेस्ट बैंक में नागरिकों पर हो रही हिंसा को “गंभीर और बार-बार होने वाला” बताया है।
ब्राज़ील के कदम का महत्व
- ब्राज़ील की कड़ी भाषा: मंत्रालय ने कहा, “अब नैतिक अस्पष्टता या राजनीतिक चुप्पी की कोई गुंजाइश नहीं है।”
- इज़रायल और अमेरिका से बढ़ता तनाव: इस फैसले से पहले अमेरिका ने ब्राज़ील पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि ब्राज़ील का मानना है कि इस मामले में उसका निर्णय वॉशिंगटन के साथ संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा।
- प्रेसिडेंट लूला का रुख: राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा पहले ही ब्रिक्स बैठक में इज़रायल की कार्रवाई को ‘नरसंहार’ करार दे चुके हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- दक्षिण अफ्रीका ने 1948 के Genocide Convention के तहत ICJ में यह मामला दायर किया था।
- ICJ ने जनवरी 2024 में इज़रायल को गाज़ा में “नरसंहार रोकने के उपाय” करने का निर्देश दिया था।
- ब्राज़ील के साथ स्पेन, तुर्किये और आयरलैंड जैसे देश भी इस केस में हस्तक्षेप करने की मांग कर चुके हैं।
- मार्च 2025 से इज़रायल ने गाज़ा में पूर्ण नाकेबंदी की, जिससे कई महीनों तक मानवीय सहायता बंद रही।
- GHF (Gaza Humanitarian Foundation) को इज़रायल और अमेरिका का समर्थन प्राप्त है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने इसे “मौत के जाल” की संज्ञा दी है।
आलोचना और प्रतिक्रिया
इज़रायल ने ब्राज़ील के बयान को “एकतरफा” बताया और कहा कि इसने हमास की भूमिका को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। वहीं ब्राज़ील की राष्ट्रीय इज़रायली संघ (CONIB) ने कहा कि यह निर्णय “विदेश नीति की अतिवादिता” को दर्शाता है और इज़रायल के साथ ऐतिहासिक संबंधों को नुकसान पहुंचाता है।
गाज़ा में इज़रायल की सैन्य कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण अब और अधिक विभाजित होता जा रहा है। ब्राज़ील का यह कदम वैश्विक न्याय व्यवस्था में गैर-पश्चिमी देशों की बढ़ती भागीदारी और नैतिक जिम्मेदारी को रेखांकित करता है। ICJ में आने वाले दिनों में इस पर चर्चा और कानूनी प्रक्रिया और भी तेज़ हो सकती है।