ब्राउज़िंग का भविष्य: एआई-पावर्ड ब्राउज़र ‘Comet’ कैसे बदल रहा है इंटरनेट उपयोग का तरीका

परप्लेक्सिटी द्वारा हाल ही में पेश किया गया ब्राउज़र ‘Comet’ तकनीक की दुनिया में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। यह सिर्फ एक साधारण वेब ब्राउज़र नहीं है, बल्कि एक ऐसा एआई-सहायक टूल है जो उपयोगकर्ताओं की ओर से पूरे इंटरनेट पर काम कर सकता है। यह विकास न केवल ब्राउज़िंग के अनुभव को बदल रहा है, बल्कि इस बात का संकेत भी है कि भविष्य में हम वेब से कैसे जुड़ेंगे।
क्या है Comet और यह सामान्य ब्राउज़रों से कैसे अलग है?
Comet, Google Chrome जैसा दिखने वाला ब्राउज़र है, क्योंकि इसे भी क्रोमियम फ्रेमवर्क पर बनाया गया है। इसका मतलब है कि यह क्रोम एक्सटेंशन, बुकमार्क्स और यूज़र सेटिंग्स को सपोर्ट करता है। लेकिन अंतर है इसकी ‘एजेंटिक’ प्रकृति में। Comet में परप्लेक्सिटी के AI एजेंट ब्राउज़र में मूल रूप से ही जुड़े होते हैं, जो उपयोगकर्ता के निर्देश पर वेबसाइटों के साथ इंटरैक्ट करते हैं, फॉर्म भरते हैं, वीडियो या लेखों को सारांशित करते हैं, और कई कार्यों को स्वतः संपन्न करते हैं।
ब्राउज़िंग नहीं, अब ‘प्रॉम्प्टिंग’ का ज़माना
Comet के साथ, उपयोगकर्ताओं को हर बार किसी वेबसाइट पर जाकर चीज़ें करने की ज़रूरत नहीं। वे केवल एक निर्देश दे सकते हैं और एआई उनकी ओर से वह काम कर सकता है। उदाहरण के लिए:
- ईमेल शेड्यूलिंग: Comet जीमेल में कोई ईमेल पढ़ सकता है, उपयोगकर्ता के कैलेंडर के अनुसार मीटिंग का समय ढूंढ सकता है, उत्तर ड्राफ्ट कर सकता है और Google Meet लिंक के साथ इवेंट बना सकता है – वह भी बिना टैब बदले।
- खरीदारी विश्लेषण: यदि उपयोगकर्ता कई टैब में कैमरे देख रहे हैं, तो Comet उन सभी टैब्स से डाटा खींचकर एक संगठित तुलना प्रस्तुत कर सकता है।
- वीडियो या लेख सारांश: यह ओपन यूट्यूब वीडियो या किसी वेब लेख का संक्षिप्त सारांश सेकंडों में बना सकता है।
- LinkedIn ऑटो-सत्यापन: यह पेंडिंग रिक्वेस्ट्स की समीक्षा कर के केवल उपयोगी कनेक्शन स्वीकृत कर सकता है।
क्यों जरूरी था एक अलग ब्राउज़र बनाना?
अगर परप्लेक्सिटी Safari या Chrome जैसे ब्राउज़रों के आधार पर काम करता, तो उसे Apple या Google के मूल AI टूल्स से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती। लेकिन एक स्वतंत्र ब्राउज़र के रूप में, Comet परप्लेक्सिटी को प्लेटफॉर्म-स्तरीय नियंत्रण देता है। इससे लोकल संदर्भों तक सीधी पहुंच मिलती है, जैसे कि खुले टैब्स में क्या चल रहा है, किस वेबसाइट में उपयोगकर्ता लॉग-इन हैं आदि। यह ब्राउज़िंग को अधिक सहज, तेज़ और कुशल बनाता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Perplexity: 2022 में लॉन्च हुआ यह एक एआई-आधारित उत्तर इंजन है, जो GPT-4o, Claude 4.0 और अपने Sonar मॉडल का उपयोग करता है।
- Chromium Framework: Google द्वारा विकसित ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म, जिस पर Chrome, Edge, Opera जैसे ब्राउज़र बने हैं।
- Agentic Browsing: एक ब्राउज़िंग प्रणाली जिसमें AI एजेंट उपयोगकर्ता की ओर से वेबसाइटों से संवाद करते हैं।
- SARPA App: केरल सरकार द्वारा उपयोग में लाया गया ऐप जो सांप बचावकर्ताओं को नियंत्रित और प्रमाणित करता है – AI-सक्षम निगरानी का भारतीय उदाहरण।
निष्कर्ष: क्या Comet इंटरनेट का भविष्य है?
Comet एक ऐसे भविष्य का संकेत है जहाँ हम वेब ब्राउज़िंग नहीं, बल्कि कार्य सौंपने का अनुभव लेंगे। इसकी AI क्षमताएं विशेष रूप से उस समय उपयोगी हैं जब इंटरनेट पर जानकारी की अधिकता और भ्रम होता है। हालांकि इसकी वर्तमान कीमत ($200/माह) इसे विशिष्ट उपयोगकर्ताओं तक सीमित रखती है, पर यदि प्रतियोगी कंपनियां (जैसे Google या OpenAI) इसी प्रकार के ब्राउज़र लॉन्च करती हैं, तो Comet का मुफ्त या कम लागत वाला संस्करण भी सामने आ सकता है। तब यह क्रांति आम उपयोगकर्ताओं तक भी पहुंच सकेगी।