बौद्धिक संपदा सहयोग पर भारत और अमेरिका ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

बौद्धिक संपदा सहयोग पर भारत और अमेरिका ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

हाल ही में भारत और अमेरिका ने बौद्धिक संपदा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

बौद्धिक सम्पदा

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन के अनुसार, बौद्धिक संपदा साहित्यिक और कलात्मक कार्यों, प्रतीकों, नामों, छवियों का निर्माण है। चार मुख्य बौद्धिक संपदा अधिकारों में आविष्कार, भौगोलिक संकेत, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजाइन शामिल हैं।

मुख्य बिंदु

  • उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और यूएस पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस (USPTO) के बीच इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी 2020 में USPTO के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए मंज़ूरी दी थी।

समझौते की विशेषताएं

  • इस एमओयू का उद्देश्य दोनों देशों के बीच अंतर बौद्धिक संपदा सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • यह एमओयू लोगों के बीच बौद्धिक संपदा पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभवों और ज्ञान के आदान-प्रदान और प्रसार की सुविधा प्रदान करेगा।
  • यह उद्योग, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान और विकास संगठनों, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा करेगा।

भारत में बौद्धिक संपदा

भारत में पहली बौद्धिक संपदा अधिकार नीति को मई 2016 में मंजूरी दी गई थी। इसका प्रशासन Office of the Controller General of Patents, Designs & Trade Marks (CGPDTM) द्वारा किया जाता है।

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (WIPO)

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है, इस वैश्विक संस्था का कार्य बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा तथा संवर्द्धन करना है। इसकी स्थापना 1967 में की गयी थी, इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है। इसका उद्देश्य रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देना है तथा विश्व भर में बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करना है। वर्तमान में इस संस्था में कुल 193 देश शामिल हैं। भारत भी इसका सदस्य है।

Originally written on December 4, 2020 and last modified on December 4, 2020.

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