बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना – मुख्य बिंदु

बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना – मुख्य बिंदु

कर्नाटक सरकार के अनुसार, ‘बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना’ (Bengaluru Suburban Rail Project) पर काम सितंबर 2021 में शुरू होगा। इस परियोजना के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

मुख्य बिंदु

  • यह परियोजना 15,767 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी की जाएगी।
  • इसे भारत की सबसे एकीकृत रेल परियोजना (integrated rail project) माना जा रहा है।
  • रेल आधारित रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के माध्यम से यह परियोजना बेंगलुरू को उसके उपनगरों से जोड़ेगी।
  • यह परियोजना 1983 से कर्नाटक सरकारों का सपना रही है।

पृष्ठभूमि

बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना कर्नाटक सरकार द्वारा 1983 में प्रस्तावित की गई थी। इसे पहली बार दक्षिणी रेलवे (तब बेंगलुरु दक्षिणी रेलवे के दायरे में था) की एक विशेषज्ञ टीम द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इसका प्रस्ताव कर्नाटक के पहले परिवहन सर्वेक्षण के रूप में प्रस्तुत किया गया था जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री आर. गुंडू राव ने कमीशन किया था।

परियोजना का उद्देश्य

रेल-आधारित रैपिड-ट्रांजिट सिस्टम द्वारा बेंगलुरु को उसके उपनगरों, सैटेलाइट टाउनशिप और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ने के उद्देश्य से इस परियोजना का प्रस्ताव किया गया था। यह ग्रामीण और शहरी यात्रियों को यात्रा का एक तेज़, सुरक्षित और अधिक आरामदायक साधन भी प्रदान करेगा।

यह परियोजना रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी, कर्नाटक, (K-RIDE) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी, जो कर्नाटक सरकार और केंद्रीय रेल मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम है।

इस परियोजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र

यह परियोजना 148.17 किलोमीटर के रेल नेटवर्क में फैली होगी। चार कॉरिडोर में कुल 57 स्टेशन होंगे। यह कर्नाटक की राजधानी को इसके बाहरी इलाके से छह दिशाओं में जोड़ेगी। चार गलियारों का नाम बेंगलुरु के क्षेत्रीय फूलों के नाम पर रखा गया है, संपिगे (चंपा), पारिजात (प्राजक्ता), मल्लिगे (चमेली), और कनक (प्रियदर्शा)।

Originally written on June 28, 2021 and last modified on June 28, 2021.

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