बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा राहत राशि स्वीकृत

बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा राहत राशि स्वीकृत

भारत में इस वर्ष के दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई राज्य गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इसी संदर्भ में केंद्र सरकार ने 10 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए छह प्रभावित राज्यों को ₹1,066.80 करोड़ की राहत राशि जारी करने की घोषणा की है। यह सहायता राशि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत जारी की गई है, जिससे प्रभावित राज्यों को त्वरित राहत और पुनर्वास कार्यों में सहायता मिल सके।

प्रभावित राज्यों को दी गई राशि का विवरण

इस राहत पैकेज के अंतर्गत सबसे अधिक राशि उत्तराखंड को ₹455.60 करोड़ के रूप में प्रदान की गई है। असम को ₹375.60 करोड़, केरल को ₹153.20 करोड़, मेघालय को ₹30.40 करोड़, मणिपुर को ₹29.20 करोड़ और मिज़ोरम को ₹22.80 करोड़ की सहायता मिली है। इन सभी राज्यों में भूस्खलन, बाढ़ और भारी वर्षा के चलते व्यापक जन-धन की क्षति हुई है, जिसके कारण त्वरित राहत की आवश्यकता थी।

राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय आपदा निधियों की भूमिका

केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन हेतु विभिन्न स्तरीय निधियों की स्थापना की गई है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) राज्यों के लिए मुख्य राहत कोष होता है, जिसमें सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए केंद्र 75% और विशेष श्रेणी (पूर्वोत्तर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और सिक्किम) के लिए 90% योगदान करता है। जब किसी आपदा की तीव्रता SDRF की सीमा से बाहर होती है, तब राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से अतिरिक्त सहायता दी जाती है।

बचाव और राहत कार्यों में केंद्र का सहयोग

आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 104 टीमों को 21 राज्यों में तैनात किया है। इसके अलावा सेना और वायु सेना की सहायता भी दी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आपदा राहत के लिए कोई भी व्यक्ति या संस्था NDRF में योगदान कर सकती है, जिसे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46(1)(b) के तहत मान्यता प्राप्त है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NDRF की स्थापना: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष की स्थापना 2005 में आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत हुई थी, पूर्ववर्ती राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता कोष (NCCF) के स्थान पर।
  • SDRF में केंद्र का योगदान: सामान्य राज्यों के लिए 75% और विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 90% केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है।
  • NCCD क्या है: राष्ट्रीय आपदा कोष को वित्तपोषित करने हेतु कुछ उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता शुल्क (NCCD) लगाया जाता है।
  • लेखा परीक्षा: NDRF के लेखों की ऑडिट भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा की जाती है।

इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रभावित राज्यों को त्वरित राहत देने की दिशा में उठाया गया यह कदम न केवल वर्तमान संकट से निपटने में सहायक होगा, बल्कि भविष्य की आपदाओं के लिए भी तैयार रहने का संकेत देता है। बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के सामने एक संगठित और समन्वित सरकारी प्रतिक्रिया, देश की आपदा प्रबंधन व्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है।

Originally written on July 11, 2025 and last modified on July 11, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *