बंगाल की खाड़ी से टकराएगा ‘यास’ चक्रवात (Cyclone Yaas)
इस सप्ताह बंगाल की खाड़ी में ‘यास’ चक्रवात (Cyclone Yaas) आएगा। यह चक्रवात ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हिस्सों को प्रभावित करेगा। इस चक्रवात के मद्देनजर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में चक्रवात से सुरक्षा के लिए तैयारियां पुख्ता की जा रही हैं। इसके अलावा भारतीय नौसेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
मुख्य बिंदु
इस चक्रवात के कारण ओडिशा के 14 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सरकार ने भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल को मुस्तैद रहने के लिए कहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार ‘यास’ चक्रवात 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट से टकरा सकता है। ओडिशा और बंगाल के अलावा इस चक्रवात के कारण अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में भारी वर्षा होने की सम्भावना है।
चक्रवात कैसे बनते हैं?
- समुद्र में गर्म और नम हवा ऊपर उठती है।जैसे-जैसे अधिक से अधिक हवा ऊपर उठती है, यह कम हवा छोड़ती है। इससे कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। इस क्षेत्र के चारों ओर दबाव अधिक होता है। आसपास के क्षेत्रों से हवा कम दबाव के क्षेत्र में धकेलती है। अब यह हवा गर्म होकर ऊपर उठती है। और यह चक्र चलता रहता है।
- जैसे ही गर्म हवा ऊपर उठती है, यह ठंडी हो जाती है और बादलों में संघनित (condense) हो जाती है। हवा और बादलों की पूरी प्रणाली घूमती है और बढ़ती है।
- जैसे ही सिस्टम तेजी से और तेजी से घूमता है, इसे केंद्र में एक आंख बनती है।
- जब सिस्टम 63 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से घूमता है, तो इसे “उष्णकटिबंधीय तूफान” कहा जाता है। जब हवा की गति 119 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाती है तो इसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात या तूफान कहा जाता है।
चक्रवात निर्माण के लिए शर्तें
- समुद्र का सतही तापमान 27 ° C और उससे अधिक तक बढ़ जाता है
- कोरिओलिस बल की उपस्थिति
- ऊर्ध्वाधर हवा की गति में अंतर
- समुद्र तल प्रणाली के ऊपर ऊपरी विचलन
- कम दबाव का क्षेत्र
- अनुकूल मैडेन जूलियन दोलन
- महासागरीय ताप क्षमता
मैडेन जूलियन दोलन (Madden Julian Oscillation)
यह एक समुद्री वायुमंडलीय घटना है जो पृथ्वी में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है। यह भूमध्य रेखा के पास बादलों, हवाओं, वर्षा और दबाव की एक पल्स है जो हर 30 से 60 दिनों में घटित होती है। यह प्रशांत महासागर और हिंद महासागर पर प्रमुख है।