प्लास्टिक प्रदूषण पर रोक के लिए तत्काल प्रतिबंध अधिक प्रभावी: WWF अध्ययन में हुआ खुलासा

एक नए वैश्विक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि समस्याग्रस्त प्लास्टिक उत्पादों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने से न केवल पर्यावरणीय लाभ होंगे, बल्कि 2025 से 2040 के बीच $4.7 ट्रिलियन से $8 ट्रिलियन तक की आर्थिक बचत भी संभव है। यह अध्ययन Earth Action (EA) द्वारा विश्व वन्यजीव कोष (WWF) के लिए किया गया है।
कौन से प्लास्टिक ‘समस्याग्रस्त’ माने गए?
WWF के अनुसार, समस्याग्रस्त प्लास्टिक वे हैं:
- जो पर्यावरण में पहुंचने की अधिक संभावना रखते हैं
- जो मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक होते हैं
इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- सिंगल-यूज़ प्लास्टिक (जैसे स्ट्रॉ और कॉटन बड्स)
- एक्सपैंडेड पॉलीस्टायरीन और पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) जैसे पैकेजिंग उत्पाद
क्या कहता है अध्ययन?
- BAU (बिजनेस ऐज़ यूज़ुअल) परिदृश्य में प्लास्टिक का कुल लागत: $10 ट्रिलियन
- तत्काल वैश्विक प्रतिबंध से लागत: $2 ट्रिलियन
- बचत: $8 ट्रिलियन तक
अगर प्रतिबंध विकसित और विकासशील देशों में अलग-अलग समयसीमा में लागू हो तो बचत घटकर $4.7 ट्रिलियन रह जाती है।
मुख्य लाभ
- प्लास्टिक कचरे में 51–74 मिलियन टन की कमी
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में गिरावट
- प्रशासनिक लागत में कटौती
- लैंडफिल और कचरे के कुप्रबंधन से पर्यावरणीय नुकसान में कमी
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- वैश्विक प्लास्टिक उत्पादन: 430 मिलियन टन/वर्ष (UNEP के अनुसार)
- इसमें से 280 मिलियन टन कचरा बनता है
- 46% लैंडफिल किया जाता है, और 22% कचरा कुप्रबंधित रहता है
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल जैसे पूर्व समझौतों के आधार पर यह मॉडल तैयार किया गया है
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- तत्काल प्रतिबंध की लागत: प्रशासनिक – $323 मिलियन, निजी क्षेत्र – $143 मिलियन
- प्लास्टिक उद्योग में संभावित नुकसान: $228 बिलियन
- प्रतिस्थापन उत्पादों और पुन: प्रयोज्य प्रणालियों में नए अवसरों की संभावना
निष्कर्ष
यह अध्ययन स्पष्ट करता है कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। खासकर तत्काल प्रतिबंध लागू करना, चरणबद्ध तरीके की तुलना में अधिक प्रभावशाली और लाभकारी होगा। यह वैश्विक नीति निर्माताओं के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि तेजी से और निर्णायक कार्रवाई समय की आवश्यकता है।