प्राकृतिक गैस टैरिफ़ में ऐतिहासिक सुधार: ‘वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैरिफ’ की ओर भारत

भारत की ऊर्जा अर्थव्यवस्था को हरित, पारदर्शी और निवेश-अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने प्राकृतिक गैस पाइपलाइन टैरिफ विनियम, 2025 में दूसरा संशोधन पारित कर दिया है। इन व्यापक सुधारों का उद्देश्य देश में स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना और उपभोक्ता केंद्रित परिवहन व्यवस्था को सुलभ बनाना है।
‘वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैरिफ’ की दिशा में बड़ा कदम
इस संशोधन का मूल विचार ‘एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक टैरिफ’ है, जो भारत की ऊर्जा संरचना को सरल, समान और समावेशी बनाता है। पहले, देश को तीन टैरिफ ज़ोन में बांटा गया था, लेकिन अब इसे घटाकर दो unified टैरिफ ज़ोन में समाहित किया गया है, जिससे परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता और समानता आएगी।
सीएनजी और पीएनजी उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत
अब से Zone 1 का टैरिफ देशभर के CNG और PNG घरेलू उपभोक्ताओं पर लागू होगा, चाहे वे किसी भी दूरी पर स्थित क्यों न हों। इससे शहरी परिवारों और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क्स को सस्ता प्राकृतिक गैस उपलब्ध होगा।
- दिसंबर 2024 तक, भारत में 7,395 CNG स्टेशन और 1.4 करोड़ PNG घरेलू कनेक्शन थे — सभी को इस बदलाव से आर्थिक लाभ मिलेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- पहले तीन टैरिफ ज़ोन थे: Zone 1 (0-300 किमी), Zone 2 (300-1200 किमी), Zone 3 (1200+ किमी)
- अब केवल दो ज़ोन रहेंगे, जिससे टैरिफ़ संरचना सरल और समान हो जाएगी।
- Pipeline Development Reserve (PDR) बनाया गया है जिसमें पाइपलाइन संस्थाओं की 75% से अधिक उपयोगिता होने पर उनके शुद्ध लाभ का 50% बुनियादी ढांचे के विकास में और 50% उपभोक्ताओं को टैरिफ में छूट के रूप में जाएगा।
- भारत में 14 मिलियन से अधिक PNG घरेलू उपभोक्ता हैं।
दीर्घकालिक ईंधन खरीद अनिवार्यता
PNGRB ने यह भी अनिवार्य किया है कि पाइपलाइन संचालक अपनी वार्षिक सिस्टम-उपयोग गैस का कम से कम 75% भाग तीन साल या उससे अधिक के दीर्घकालिक अनुबंधों के माध्यम से खरीदें। इससे गैस की आपूर्ति में स्थिरता, लागत में कमी और टैरिफ में पूर्वानुमेयता आएगी।
विकास के लिए स्थायी मॉडल
Pipeline Development Reserve (PDR) के तहत पाइपलाइन संस्थाओं की अतिरिक्त आय का आधा हिस्सा भविष्य की परियोजनाओं में निवेश किया जाएगा। शेष उपभोक्ताओं को टैरिफ समायोजन के रूप में लौटाया जाएगा। यह एक प्रदर्शन-आधारित, आत्मनिर्भर मॉडल है जो पाइपलाइन विस्तार और उपभोक्ता राहत दोनों को सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
PNGRB के नए संशोधन भारत के प्राकृतिक गैस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का संकेत हैं। ये नीतियाँ न केवल उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर गैस आपूर्ति प्रदान करेंगी, बल्कि देश की हरित ऊर्जा आकांक्षाओं को भी मजबूती देंगी। सरल टैरिफ संरचना, पारदर्शी नियम, और प्रदर्शन आधारित विकास मॉडल भारत को एक स्वच्छ, समान और सतत ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर करते हैं।